गुणपर्याय: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
No edit summary |
||
(4 intermediate revisions by 3 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
<span class="GRef"> पंचास्तिकाय / तात्पर्यवृत्ति/16/35/12 </span><span class="SanskritText">द्विधा पर्याया द्रव्यपर्याया गुणपर्यायाश्च।</span> =<span class="HindiText"> पर्याय दो प्रकार की होती हैं - द्रव्य पर्याय और '''गुणपर्याय'''। <span class="GRef">( पंचाध्यायी / पूर्वार्ध/112 )</span><br> | |||
<span class="GRef"> प्रवचनसार / तत्त्वप्रदीपिका/93 </span><span class="SanskritText">द्रव्यपर्यायः। स द्विविधः, समानजातीयोऽसमानजातीयश्च। ...गुणपर्यायः। सोऽपि द्विविधः स्वभावपर्यायो विभावपर्यायश्च। </span>= <span class="HindiText">द्रव्यपर्याय दो प्रकार की होती है - समानजातीय और असमानजातीय। ...'''गुणपर्याय''' दो प्रकार की है - स्वभाव पर्याय व विभाव पर्याय। <span class="GRef">( पंचास्तिकाय / तात्पर्यवृत्ति/16/35/13 )</span>। | |||
देखें [[ पर्याय ]]। | |||
<noinclude> | |||
[[ गुणनिधि | पूर्व पृष्ठ ]] | |||
[[ गुणपाल | अगला पृष्ठ ]] | |||
</noinclude> | |||
[[Category: ग]] | |||
[[Category: द्रव्यानुयोग]] |
Latest revision as of 18:04, 3 December 2023
पंचास्तिकाय / तात्पर्यवृत्ति/16/35/12 द्विधा पर्याया द्रव्यपर्याया गुणपर्यायाश्च। = पर्याय दो प्रकार की होती हैं - द्रव्य पर्याय और गुणपर्याय। ( पंचाध्यायी / पूर्वार्ध/112 )
प्रवचनसार / तत्त्वप्रदीपिका/93 द्रव्यपर्यायः। स द्विविधः, समानजातीयोऽसमानजातीयश्च। ...गुणपर्यायः। सोऽपि द्विविधः स्वभावपर्यायो विभावपर्यायश्च। = द्रव्यपर्याय दो प्रकार की होती है - समानजातीय और असमानजातीय। ...गुणपर्याय दो प्रकार की है - स्वभाव पर्याय व विभाव पर्याय। ( पंचास्तिकाय / तात्पर्यवृत्ति/16/35/13 )।
देखें पर्याय ।