उदधि: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p id="1"> (1) हस्तिनापुर के राजा दुर्योधन और उनकी रानी जलधि की कन्या । दुर्योधन ने अपनी इस कन्या के संबंध में निश्चय किया था कि वह यह कन्या कृष्ण के उस पुत्र को देगा जो कृष्ण की रुक्मिणी और सत्यभामा दोनों रानियों के पुत्रों में पहले होगा । प्रद्युम्न पहले हुआ था और सत्यभामा का पुत्र भानु बाद में । पूर्व निश्चयानुसार दुर्योधन अपनी कन्या प्रद्युम्न को देना चाहता था किंतु धूमकेतु असुर प्रद्युम्न को हर ले गया था अत: दुर्योधन ने परिस्थितिवश अपनी कन्या प्रद्युम्न के छोटे भाई भानु को दे दी थी । धूमकेतु असुर से मुक्त होने पर प्रद्युम्न ने भानु को हराकर इसे अपनी पत्नी बना लिया था । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 47.87-98 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1" class="HindiText"> (1) हस्तिनापुर के राजा दुर्योधन और उनकी रानी जलधि की कन्या । दुर्योधन ने अपनी इस कन्या के संबंध में निश्चय किया था कि वह यह कन्या कृष्ण के उस पुत्र को देगा जो कृष्ण की रुक्मिणी और सत्यभामा दोनों रानियों के पुत्रों में पहले होगा । प्रद्युम्न पहले हुआ था और सत्यभामा का पुत्र भानु बाद में । पूर्व निश्चयानुसार दुर्योधन अपनी कन्या प्रद्युम्न को देना चाहता था किंतु धूमकेतु असुर प्रद्युम्न को हर ले गया था अत: दुर्योधन ने परिस्थितिवश अपनी कन्या प्रद्युम्न के छोटे भाई भानु को दे दी थी । धूमकेतु असुर से मुक्त होने पर प्रद्युम्न ने भानु को हराकर इसे अपनी पत्नी बना लिया था । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_47#87|हरिवंशपुराण - 47.87-98]] </span></p> | ||
<p id="2">(2) कृष्ण का शस्त्र और शास्त्र में निपुण पुत्र । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 48-70 </span></p> | <p id="2" class="HindiText">(2) कृष्ण का शस्त्र और शास्त्र में निपुण पुत्र । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 48-70 </span></p> | ||
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Latest revision as of 14:40, 27 November 2023
(1) हस्तिनापुर के राजा दुर्योधन और उनकी रानी जलधि की कन्या । दुर्योधन ने अपनी इस कन्या के संबंध में निश्चय किया था कि वह यह कन्या कृष्ण के उस पुत्र को देगा जो कृष्ण की रुक्मिणी और सत्यभामा दोनों रानियों के पुत्रों में पहले होगा । प्रद्युम्न पहले हुआ था और सत्यभामा का पुत्र भानु बाद में । पूर्व निश्चयानुसार दुर्योधन अपनी कन्या प्रद्युम्न को देना चाहता था किंतु धूमकेतु असुर प्रद्युम्न को हर ले गया था अत: दुर्योधन ने परिस्थितिवश अपनी कन्या प्रद्युम्न के छोटे भाई भानु को दे दी थी । धूमकेतु असुर से मुक्त होने पर प्रद्युम्न ने भानु को हराकर इसे अपनी पत्नी बना लिया था । हरिवंशपुराण - 47.87-98
(2) कृष्ण का शस्त्र और शास्त्र में निपुण पुत्र । हरिवंशपुराण 48-70