पंचगुरु: Difference between revisions
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<p> अर्हत्, सिद्ध, आचार्य, उपाध्याय और साधु । ये अतीत की अपेक्षा अनन्त वर्तमान की अपेक्षा संख्यात तथा भविष्यतकाल की अपेक्षा अनन्तानन्त है । हरिवंशपुराण 1. 27-28</p> | <p> अर्हत्, सिद्ध, आचार्य, उपाध्याय और साधु । ये अतीत की अपेक्षा अनन्त वर्तमान की अपेक्षा संख्यात तथा भविष्यतकाल की अपेक्षा अनन्तानन्त है । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 1. 27-28 </span></p> | ||
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Revision as of 21:44, 5 July 2020
अर्हत्, सिद्ध, आचार्य, उपाध्याय और साधु । ये अतीत की अपेक्षा अनन्त वर्तमान की अपेक्षा संख्यात तथा भविष्यतकाल की अपेक्षा अनन्तानन्त है । हरिवंशपुराण 1. 27-28