रत्नकंठ: Difference between revisions
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Revision as of 21:46, 5 July 2020
अश्वग्रीव का ज्येष्ठ पुत्र और रत्नायुध का भाई । ये दोनों भाई मरकर चिरकाल तक भव-भ्रमण करने के पश्चात् अतिबल और महाबल असुर हुए थे । इसका अपरनाम रत्नग्रीव था । महापुराण 63. 135-136 देखें रत्नग्रीव