कर्मान्वयक्रिया: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<p> श्रावकों की त्रिविध क्रियाओं में तीसरे प्रकार की क्रिया—अपरनाम कर्त्रन्वयक्रिया । ये सद्गृहित्व को आदि लेकर सिद्धि | <p> श्रावकों की त्रिविध क्रियाओं में तीसरे प्रकार की क्रिया—अपरनाम कर्त्रन्वयक्रिया । ये सद्गृहित्व को आदि लेकर सिद्धि पर्यंत सात होती है । <span class="GRef"> महापुराण 63. 302, 305 </span>दे 0 कर्त्रन्वयाक्रिया</p> | ||
Revision as of 16:20, 19 August 2020
श्रावकों की त्रिविध क्रियाओं में तीसरे प्रकार की क्रिया—अपरनाम कर्त्रन्वयक्रिया । ये सद्गृहित्व को आदि लेकर सिद्धि पर्यंत सात होती है । महापुराण 63. 302, 305 दे 0 कर्त्रन्वयाक्रिया