निमित्त: Difference between revisions
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आहार का एक दोष। देखें [[ आहार#II.4 | आहार - II.4]]। | आहार का एक दोष। देखें [[ आहार#II.4 | आहार - II.4]]। | ||
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== पुराणकोष से == | == पुराणकोष से == | ||
<p> अंतरिक्ष, भौम, अंग, स्वर, व्यंजन, लक्षण, छिन्न और स्वप्न ये आठ निमित्त होते हैं । इनके द्वारा भावी शुभाशुभ जाना जाता है । <span class="GRef"> महापुराण 62.180-181, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 10.117 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> अंतरिक्ष, भौम, अंग, स्वर, व्यंजन, लक्षण, छिन्न और स्वप्न ये आठ निमित्त होते हैं । इनके द्वारा भावी शुभाशुभ जाना जाता है । <span class="GRef"> महापुराण 62.180-181, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 10.117 </span></p> | ||
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Revision as of 16:54, 14 November 2020
सिद्धांतकोष से
आहार का एक दोष। देखें आहार - II.4।
पुराणकोष से
अंतरिक्ष, भौम, अंग, स्वर, व्यंजन, लक्षण, छिन्न और स्वप्न ये आठ निमित्त होते हैं । इनके द्वारा भावी शुभाशुभ जाना जाता है । महापुराण 62.180-181, हरिवंशपुराण 10.117