पूर्वविद्: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<p> | <p> सर्वार्थसिद्धि/9/37/453/4 <span class="SanskritText">पूर्वविद....श्रुतकेवलिन इत्यर्थः।</span> = <span class="HindiText">पूर्वविद् अर्थात् श्रुतकेवली। ( राजवार्तिक/9/37/1/632/30 )। राजवार्तिक हिं./9/37/748 प्रमत्त-अप्रमत्त मुनि भी पूर्व के वेत्ता हैं। </span></p> | ||
<noinclude> | <noinclude> |
Revision as of 19:12, 17 July 2020
सर्वार्थसिद्धि/9/37/453/4 पूर्वविद....श्रुतकेवलिन इत्यर्थः। = पूर्वविद् अर्थात् श्रुतकेवली। ( राजवार्तिक/9/37/1/632/30 )। राजवार्तिक हिं./9/37/748 प्रमत्त-अप्रमत्त मुनि भी पूर्व के वेत्ता हैं।