अंकमय: Difference between revisions
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<p> | <p>पद्मद्रह के तट पर ईशान आदि चार विदिशाओं में वैश्रवण, श्रीनिचय, क्षुद्रहिमवान् व ऐरावत ये तथा उत्तर दिशा में श्रीसंचय ये पाँच कूट हैं। उसके जल में उत्तर आदि आठ दिशाओं में जिनकूट, श्रीनिचय, वैडूर्य, <strong>अंकमय<strong>, आश्चर्य, रुचक, शिखरी व उत्पल ये आठ कूट हैं। ( <span class="GRef">तिलोयपण्णत्ति/4/1660-1665</span> ) - देखें [[ लोक#5.7 | लोक - 5.7]]।</p> | ||
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Revision as of 11:02, 1 November 2022
पद्मद्रह के तट पर ईशान आदि चार विदिशाओं में वैश्रवण, श्रीनिचय, क्षुद्रहिमवान् व ऐरावत ये तथा उत्तर दिशा में श्रीसंचय ये पाँच कूट हैं। उसके जल में उत्तर आदि आठ दिशाओं में जिनकूट, श्रीनिचय, वैडूर्य, अंकमय, आश्चर्य, रुचक, शिखरी व उत्पल ये आठ कूट हैं। ( तिलोयपण्णत्ति/4/1660-1665 ) - देखें लोक - 5.7।