किरणमंडला: Difference between revisions
From जैनकोष
m (Vikasnd moved page किरणमण्डला to किरणमंडला: RemoveFifthCharsTitles) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<p> विजयार्ध पर्वत की उत्तरश्रेणी में स्थित गुंजा नगर के राजा सिंहविक्रम के पुत्र सकलमूषण की आठ सौ पत्नियों मे प्रधान पत्नी । मरकर यह तो विद्युद्वक्त्रा नाम की राक्षसी हुई और इसका पति सकलभूषण मुनि हुआ था । मुनि अवस्था में सकलभूषण पर इसने अनेक उपसर्ग किये थे । <span class="GRef"> पद्मपुराण 104.103-117 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> विजयार्ध पर्वत की उत्तरश्रेणी में स्थित गुंजा नगर के राजा सिंहविक्रम के पुत्र सकलमूषण की आठ सौ पत्नियों मे प्रधान पत्नी । मरकर यह तो विद्युद्वक्त्रा नाम की राक्षसी हुई और इसका पति सकलभूषण मुनि हुआ था । मुनि अवस्था में सकलभूषण पर इसने अनेक उपसर्ग किये थे । <span class="GRef"> पद्मपुराण 104.103-117 </span></p> | ||
</div> | |||
<noinclude> | <noinclude> |
Revision as of 16:53, 14 November 2020
विजयार्ध पर्वत की उत्तरश्रेणी में स्थित गुंजा नगर के राजा सिंहविक्रम के पुत्र सकलमूषण की आठ सौ पत्नियों मे प्रधान पत्नी । मरकर यह तो विद्युद्वक्त्रा नाम की राक्षसी हुई और इसका पति सकलभूषण मुनि हुआ था । मुनि अवस्था में सकलभूषण पर इसने अनेक उपसर्ग किये थे । पद्मपुराण 104.103-117