अग्निल: Difference between revisions
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<p> काल के अंत में होने वाला अंतिम श्रावक । यह अयोध्या का निवासी होगा और इस काल के साढ़े आठ मास शेष रहने पर कार्तिक मास की पूर्णिमा के दिन प्रात: बेला में स्वाति नक्षत्र के उदयकाल में शरीर त्याग कर स्वर्ग में देव होगा । <span class="GRef"> महापुराण 76.432-436 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> काल के अंत में होने वाला अंतिम श्रावक । यह अयोध्या का निवासी होगा और इस काल के साढ़े आठ मास शेष रहने पर कार्तिक मास की पूर्णिमा के दिन प्रात: बेला में स्वाति नक्षत्र के उदयकाल में शरीर त्याग कर स्वर्ग में देव होगा । <span class="GRef"> महापुराण 76.432-436 </span></p> | ||
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Revision as of 16:51, 14 November 2020
काल के अंत में होने वाला अंतिम श्रावक । यह अयोध्या का निवासी होगा और इस काल के साढ़े आठ मास शेष रहने पर कार्तिक मास की पूर्णिमा के दिन प्रात: बेला में स्वाति नक्षत्र के उदयकाल में शरीर त्याग कर स्वर्ग में देव होगा । महापुराण 76.432-436