उत्पलोज्ज्वलता: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
J2jinendra (talk | contribs) No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<div class="HindiText"> <p> मेरु पर्वत की पूर्व-दक्षिण दिशा में स्थित पचास योजन लंबी, दस योजन गहरी और पच्चीस योजन | <div class="HindiText"> <p> मेरु पर्वत की पूर्व-दक्षिण दिशा में स्थित पचास योजन लंबी, दस योजन गहरी और पच्चीस योजन चौड़ी वापी । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 5. 334-335 </span></p> | ||
</div> | </div> | ||
Line 10: | Line 10: | ||
[[Category: पुराण-कोष]] | [[Category: पुराण-कोष]] | ||
[[Category: उ]] | [[Category: उ]] | ||
[[Category: करणानुयोग]] |
Revision as of 13:00, 19 January 2023
मेरु पर्वत की पूर्व-दक्षिण दिशा में स्थित पचास योजन लंबी, दस योजन गहरी और पच्चीस योजन चौड़ी वापी । हरिवंशपुराण 5. 334-335