करोति: Difference between revisions
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<span class="HindiText"> करोति क्रिया व ज्ञप्ति क्रिया में परस्पर विरोध।–देखें [[ चेतना#3.5 | चेतना - 3.5]] | <span class="HindiText"> करोति क्रिया व ज्ञप्ति क्रिया में परस्पर विरोध।–देखें [[ चेतना#3.5 | चेतना - 3.5]]</span> | ||
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Latest revision as of 14:34, 6 April 2023
समयसार / आत्मख्याति/96-97 य: करोति स करोति केवलं, यस्तु वेत्ति स तु वेत्ति केवलम् । य: करोति न हि वेत्ति स क्वचित्, यस्तु वेत्ति न करोति स क्वचित् ।96। ज्ञप्ति: करोतौ न हि भासतेऽंत:, ज्ञप्तौ करोतिश्च न भासतेऽंत:। ज्ञप्ति: करोतिश्च ततो विभिन्ने, ज्ञाता न कर्तेति तत: स्थितं च।97। =जो करता है सो मात्र करता ही है। और जो जानता है सो जानता ही है। जो करता है वह कभी जानता नहीं और जो जानता है वह कभी करता नहीं।96। करनेरूप क्रिया के भीतर जानने रूप क्रिया भासित नहीं होती और जानने रूप क्रिया के भीतर करनेरूप क्रिया भासित नहीं होती। इसलिए ज्ञप्ति क्रिया और करोति क्रिया दोनों भिन्न हैं। इससे यह सिद्ध हुआ कि जो ज्ञाता है वह कर्ता नहीं है।97।
करोति क्रिया व ज्ञप्ति क्रिया में परस्पर विरोध।–देखें चेतना - 3.5