स्थापनासत्य: Difference between revisions
From जैनकोष
Vandana Jain (talk | contribs) No edit summary |
Vandana Jain (talk | contribs) No edit summary |
||
Line 11: | Line 11: | ||
[[Category: स]] | [[Category: स]] | ||
[[Category: द्रव्यानुयोग]] | [[Category: द्रव्यानुयोग]] | ||
Revision as of 12:44, 11 July 2023
सत्य के दस भेदों में एक भेद वास्तविकता न होने पर भी आकार की समानता अथवा व्यवहार के लिए की गयी स्थापना से वस्तु को उस रूप मानना/कहना स्थापना सत्य है । जैसे सतरंज की गोटों में आकार न होने पर भी उन्हें बादशाह वजीर आदि मानना, तथा खिलौनों में आकार की समानता देखकर उन्हें हाथी आदि कहना स्थापना सत्य हैं । हरिवंशपुराण 10. 100