उपभोगपरिभोग-परिमाणव्रत: Difference between revisions
From जैनकोष
J2jinendra (talk | contribs) No edit summary |
No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<div class="HindiText"> | <div class="HindiText"> उपभोग (बार-बार भोगने में आने वाली) तथा परिभोग (एक बार भोगी जाने वाली) वस्तुओं में परिमाण करना । सचित्ताहार, सचित्त सबंधाहार, सचित्त सम्मिश्राहार, अभिषाहार और दुष्पक्वाहार ये इसके पाँच अतिचार है । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 58.155-156, 182 </span></p> | ||
</div> | </div> | ||
Revision as of 11:34, 4 September 2023
उपभोग (बार-बार भोगने में आने वाली) तथा परिभोग (एक बार भोगी जाने वाली) वस्तुओं में परिमाण करना । सचित्ताहार, सचित्त सबंधाहार, सचित्त सम्मिश्राहार, अभिषाहार और दुष्पक्वाहार ये इसके पाँच अतिचार है । हरिवंशपुराण 58.155-156, 182