दृढरथ: Difference between revisions
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<p class="HindiText">म.पु./६३/श्लोक–पुष्कलावती देश में पुण्डरीकिणी नगरी के राजा घनरथ का पुत्र था (१४२–)। राज्य लेना अस्वीकार कर दीक्षा धारण कर ली (३०७–)। अन्त में एक माह के उपवास सहित संन्यास मरणकर स्वर्ग में अहमिन्द्र हुआ (३३६–)। यह शान्तिनाथ भगवान् के प्रथम गणधर चक्रायुध का पूर्व का दूसरा भव है।–देखें - [[ चक्रायुध | चक्रायुध। ]]</p> | |||
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Revision as of 16:15, 25 December 2013
म.पु./६३/श्लोक–पुष्कलावती देश में पुण्डरीकिणी नगरी के राजा घनरथ का पुत्र था (१४२–)। राज्य लेना अस्वीकार कर दीक्षा धारण कर ली (३०७–)। अन्त में एक माह के उपवास सहित संन्यास मरणकर स्वर्ग में अहमिन्द्र हुआ (३३६–)। यह शान्तिनाथ भगवान् के प्रथम गणधर चक्रायुध का पूर्व का दूसरा भव है।–देखें - चक्रायुध।