क्रियावान् द्रव्य: Difference between revisions
From जैनकोष
J2jinendra (talk | contribs) No edit summary |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<span class="GRef">पंचास्तिकाय / तात्पर्यवृत्ति/27/57/9</span><span class="SanskritText"> क्रियावंतौ जीवपुद्गलौ धर्माधर्माकाशकालद्रव्याणि पुनर्निष्क्रियाणि। </span>=<span class="HindiText">जीव और पुद्गल ये दो द्रव्य '''क्रियावान्''' हैं। धर्म, अधर्म, आकाश और काल ये चारों निष्क्रिय हैं। </span> | <span class="GRef">पंचास्तिकाय / तात्पर्यवृत्ति/27/57/9</span><span class="SanskritText"> क्रियावंतौ जीवपुद्गलौ धर्माधर्माकाशकालद्रव्याणि पुनर्निष्क्रियाणि। </span>=<span class="HindiText">जीव और पुद्गल ये दो द्रव्य '''क्रियावान्''' हैं। धर्म, अधर्म, आकाश और काल ये चारों निष्क्रिय हैं। </span><span class="GRef">( पंचाध्यायी / उत्तरार्ध/133 )</span> | ||
Latest revision as of 22:20, 17 November 2023
पंचास्तिकाय / तात्पर्यवृत्ति/27/57/9 क्रियावंतौ जीवपुद्गलौ धर्माधर्माकाशकालद्रव्याणि पुनर्निष्क्रियाणि। =जीव और पुद्गल ये दो द्रव्य क्रियावान् हैं। धर्म, अधर्म, आकाश और काल ये चारों निष्क्रिय हैं। ( पंचाध्यायी / उत्तरार्ध/133 )
देखें द्रव्य - 3।