श्रुतिकल्याण व्रत: Difference between revisions
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<span class="HindiText"><strong> श्रुति कल्याणक व्रत–</strong>क्रमश: 5 दिन उपवास, 5 दिन कांजी (भांत व जल); 5 दिन एकलठाना (एक बार पुरसा) 5 दिन रूक्षाहार, 5 दिन मुनि वृत्ति से अंतराय टालकर मौन सहित भोजन, इस प्रकार लगातार 25 दिन तक करे। नमस्कार मंत्र का त्रिकाल जाप्य। | <span class="HindiText"><strong> श्रुति कल्याणक व्रत–</strong>क्रमश: 5 दिन उपवास, 5 दिन कांजी (भांत व जल); 5 दिन एकलठाना (एक बार पुरसा) 5 दिन रूक्षाहार, 5 दिन मुनि वृत्ति से अंतराय टालकर मौन सहित भोजन, इस प्रकार लगातार 25 दिन तक करे। नमस्कार मंत्र का त्रिकाल जाप्य। <span class="GRef">(व्रत-विधान संग्रह/पृष्ठ 69)</span> <span class="GRef">(किशन सिंह क्रियाकोश)</span></span> | ||
Latest revision as of 22:35, 17 November 2023
श्रुति कल्याणक व्रत–क्रमश: 5 दिन उपवास, 5 दिन कांजी (भांत व जल); 5 दिन एकलठाना (एक बार पुरसा) 5 दिन रूक्षाहार, 5 दिन मुनि वृत्ति से अंतराय टालकर मौन सहित भोजन, इस प्रकार लगातार 25 दिन तक करे। नमस्कार मंत्र का त्रिकाल जाप्य। (व्रत-विधान संग्रह/पृष्ठ 69) (किशन सिंह क्रियाकोश)
अन्य कल्याणक व्रतों के बारे में जानने के लिये देखें कल्याणक व्रत ।