सोमश्री: Difference between revisions
From जैनकोष
Anita jain (talk | contribs) mNo edit summary |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<div class="HindiText"> (1) चंपा नगरी के अग्निभूति ब्राह्मण तथा उसकी स्त्री अग्निला की तीन पुत्रियों में दूसरी पुत्री । इनका विवाह इसके फुफेरे भाई सोमिल से हुआ था । अपनी बहिन नागश्री द्वारा विष मिश्रित आहार देकर मुनि को मार डालने की घटना से दु:खी होकर पति-पत्नी (सोमिल और सोमश्री) दोनों दीक्षित हो गये थे । आयु के अंत में मरकर दोनों देव हुए तथा स्वर्ग से चयकर यह सहदेव हुई थी । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 64.4-13, 137-138 </span></p> | <div class="HindiText"> (1) चंपा नगरी के अग्निभूति ब्राह्मण तथा उसकी स्त्री अग्निला की तीन पुत्रियों में दूसरी पुत्री । इनका विवाह इसके फुफेरे भाई सोमिल से हुआ था । अपनी बहिन नागश्री द्वारा विष मिश्रित आहार देकर मुनि को मार डालने की घटना से दु:खी होकर पति-पत्नी (सोमिल और सोमश्री) दोनों दीक्षित हो गये थे । आयु के अंत में मरकर दोनों देव हुए तथा स्वर्ग से चयकर यह सहदेव हुई थी । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_64#4|हरिवंशपुराण - 64.4-13]], 137-138 </span></p> | ||
(2) गिरितट नगर के निवासी वसुदेव ब्राह्मण की पुत्री । कुमार वसुदेव ने वेदों का अध्ययन करने के पश्चात् विधिपूर्वक इसके साथ विवाह किया था । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 23. 26-29, 151 </span></p> | (2) गिरितट नगर के निवासी वसुदेव ब्राह्मण की पुत्री । कुमार वसुदेव ने वेदों का अध्ययन करने के पश्चात् विधिपूर्वक इसके साथ विवाह किया था । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_23#26|हरिवंशपुराण - 23.26-29]], 151 </span></p> | ||
(3) महापुर नगर के राजा सोमदत्त की पुत्री । यह भूरिश्रवा की बहिन थी । वसुदेव ने इसे अपने पूर्वभव की स्त्री जानकर इससे विवाह किया था । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 24.37, 50-52, 59, 61-76 </span></p> | (3) महापुर नगर के राजा सोमदत्त की पुत्री । यह भूरिश्रवा की बहिन थी । वसुदेव ने इसे अपने पूर्वभव की स्त्री जानकर इससे विवाह किया था । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_24#37|हरिवंशपुराण - 24.37]],[[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_24#50|हरिवंशपुराण - 24.50]]-52, 59, 61-76 </span></p> | ||
(4) विदेहक्षेत्र के पुष्कलावती देश की पुंडरीकिणी नगरी के राजा अशोक की रानी । कृष्ण को पटरानी सुलक्षणा के पूर्वभव का जीव इसकी श्रीकांता नाम की पुत्री थी । <span class="GRef"> महापुराण 71. 394-396 </span></p> | (4) विदेहक्षेत्र के पुष्कलावती देश की पुंडरीकिणी नगरी के राजा अशोक की रानी । कृष्ण को पटरानी सुलक्षणा के पूर्वभव का जीव इसकी श्रीकांता नाम की पुत्री थी । <span class="GRef"> महापुराण 71. 394-396 </span></p> | ||
(5) कुंभकारकट नगर के निवासी चंडकौशिक ब्राह्मण की पत्नी । इसने भूतों की आराधना से हुए अपने पुत्र का नाम मौंड्यकौशिक रखा था । <span class="GRef"> पांडवपुराण 4.126 </span></p> | (5) कुंभकारकट नगर के निवासी चंडकौशिक ब्राह्मण की पत्नी । इसने भूतों की आराधना से हुए अपने पुत्र का नाम मौंड्यकौशिक रखा था । <span class="GRef"> पांडवपुराण 4.126 </span></p> |
Latest revision as of 15:30, 27 November 2023
(1) चंपा नगरी के अग्निभूति ब्राह्मण तथा उसकी स्त्री अग्निला की तीन पुत्रियों में दूसरी पुत्री । इनका विवाह इसके फुफेरे भाई सोमिल से हुआ था । अपनी बहिन नागश्री द्वारा विष मिश्रित आहार देकर मुनि को मार डालने की घटना से दु:खी होकर पति-पत्नी (सोमिल और सोमश्री) दोनों दीक्षित हो गये थे । आयु के अंत में मरकर दोनों देव हुए तथा स्वर्ग से चयकर यह सहदेव हुई थी । हरिवंशपुराण - 64.4-13, 137-138
(2) गिरितट नगर के निवासी वसुदेव ब्राह्मण की पुत्री । कुमार वसुदेव ने वेदों का अध्ययन करने के पश्चात् विधिपूर्वक इसके साथ विवाह किया था । हरिवंशपुराण - 23.26-29, 151
(3) महापुर नगर के राजा सोमदत्त की पुत्री । यह भूरिश्रवा की बहिन थी । वसुदेव ने इसे अपने पूर्वभव की स्त्री जानकर इससे विवाह किया था । हरिवंशपुराण - 24.37,हरिवंशपुराण - 24.50-52, 59, 61-76
(4) विदेहक्षेत्र के पुष्कलावती देश की पुंडरीकिणी नगरी के राजा अशोक की रानी । कृष्ण को पटरानी सुलक्षणा के पूर्वभव का जीव इसकी श्रीकांता नाम की पुत्री थी । महापुराण 71. 394-396
(5) कुंभकारकट नगर के निवासी चंडकौशिक ब्राह्मण की पत्नी । इसने भूतों की आराधना से हुए अपने पुत्र का नाम मौंड्यकौशिक रखा था । पांडवपुराण 4.126