आम्रवन: Difference between revisions
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<p id="2">(2) पुण्डरीकिणी नगरी का एक उपवन । एक हजार राजाओं सहित वज्रसेन इसी उपवन में दीक्षित हुए थे । महापुराण 11. 48</p> | <p id="2">(2) पुण्डरीकिणी नगरी का एक उपवन । एक हजार राजाओं सहित वज्रसेन इसी उपवन में दीक्षित हुए थे । <span class="GRef"> महापुराण 11. 48 </span></p> | ||
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Revision as of 21:38, 5 July 2020
(1) समवसरण-भूमि का चतुर्थ वन । महापुराण 22.163, 183
(2) पुण्डरीकिणी नगरी का एक उपवन । एक हजार राजाओं सहित वज्रसेन इसी उपवन में दीक्षित हुए थे । महापुराण 11. 48