मणिमती: Difference between revisions
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<p> विजयार्ध पर्वत पर स्थित स्थालक नगर के विद्याधर राजा अमितवेग की पुत्री । इसे विद्या-सिद्धि में संलग्न देखकर रावण कामासक्त हो गया था । उसने इसकी विद्या हर ली थी जिससे कुपित होकर इतने रावण वध का निदान किया था । इसी निदान के कारण यह आयु के अन्त में मन्दोदरी के गर्भ से उत्पन्न हुई थी । इस पर्याय में इसका नाम सीता था । महापुराण 68.13-17</p> | <p> विजयार्ध पर्वत पर स्थित स्थालक नगर के विद्याधर राजा अमितवेग की पुत्री । इसे विद्या-सिद्धि में संलग्न देखकर रावण कामासक्त हो गया था । उसने इसकी विद्या हर ली थी जिससे कुपित होकर इतने रावण वध का निदान किया था । इसी निदान के कारण यह आयु के अन्त में मन्दोदरी के गर्भ से उत्पन्न हुई थी । इस पर्याय में इसका नाम सीता था । <span class="GRef"> महापुराण 68.13-17 </span></p> | ||
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Revision as of 21:45, 5 July 2020
विजयार्ध पर्वत पर स्थित स्थालक नगर के विद्याधर राजा अमितवेग की पुत्री । इसे विद्या-सिद्धि में संलग्न देखकर रावण कामासक्त हो गया था । उसने इसकी विद्या हर ली थी जिससे कुपित होकर इतने रावण वध का निदान किया था । इसी निदान के कारण यह आयु के अन्त में मन्दोदरी के गर्भ से उत्पन्न हुई थी । इस पर्याय में इसका नाम सीता था । महापुराण 68.13-17