सुरेंद्रमंत्र: Difference between revisions
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<p> सुरेन्द्रपद की प्राप्ति के लिए बोले जाने वाले मन्त्र । वे हैं—सत्यजाताय स्वाहा, अर्हज्जाताय स्वाहा, | <p> सुरेन्द्रपद की प्राप्ति के लिए बोले जाने वाले मन्त्र । वे हैं—सत्यजाताय स्वाहा, अर्हज्जाताय स्वाहा, दिव्यजाताय स्वाहा, दियार्च्यजाताय स्त्रानसा, नेमिनाथाय स्वाहा, सौधर्माय स्वाहा, कल्पाधिपतये स्वाहा, अनुचराय स्वाहा, परम्परेन्द्राय स्वाहा, अहभिंद्राय स्वाहा, परमार्हताय स्वाहा, अनुपमाय स्वाहा, सम्यग्दृष्टे-सम्यग्दृष्टे, कल्पपते कल्पपते, दिव्यमूर्ते-दिव्यमूर्ते, वज्रनामन्-वज्रनामन् स्वाहा, सेवाफलं षटपरमस्थानं भवतु, अपमृत्यु-विनाशनं भवतु, समाधिमरण भवतु । <span class="GRef"> महापुराण 40.47-56 </span></p> | ||
Revision as of 21:49, 5 July 2020
सुरेन्द्रपद की प्राप्ति के लिए बोले जाने वाले मन्त्र । वे हैं—सत्यजाताय स्वाहा, अर्हज्जाताय स्वाहा, दिव्यजाताय स्वाहा, दियार्च्यजाताय स्त्रानसा, नेमिनाथाय स्वाहा, सौधर्माय स्वाहा, कल्पाधिपतये स्वाहा, अनुचराय स्वाहा, परम्परेन्द्राय स्वाहा, अहभिंद्राय स्वाहा, परमार्हताय स्वाहा, अनुपमाय स्वाहा, सम्यग्दृष्टे-सम्यग्दृष्टे, कल्पपते कल्पपते, दिव्यमूर्ते-दिव्यमूर्ते, वज्रनामन्-वज्रनामन् स्वाहा, सेवाफलं षटपरमस्थानं भवतु, अपमृत्यु-विनाशनं भवतु, समाधिमरण भवतु । महापुराण 40.47-56