प्रवाद: Difference between revisions
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स्याद्वादमंजरी/30/334/14 <span class="SanskritText">प्रकर्षेण उद्यते प्रतिपाद्यते स्वाभ्युपगतोऽर्थो यैरिति प्रवादाः । </span>= <span class="HindiText">जिसके द्वारा इष्ट अर्थ को उत्तमता से प्रतिपादित किया जाय, उसे प्रवाद कहते हैं । </span> | <span class="GRef"> स्याद्वादमंजरी/30/334/14 </span><span class="SanskritText">प्रकर्षेण उद्यते प्रतिपाद्यते स्वाभ्युपगतोऽर्थो यैरिति प्रवादाः । </span>= <span class="HindiText">जिसके द्वारा इष्ट अर्थ को उत्तमता से प्रतिपादित किया जाय, उसे प्रवाद कहते हैं । </span> | ||
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Revision as of 13:01, 14 October 2020
स्याद्वादमंजरी/30/334/14 प्रकर्षेण उद्यते प्रतिपाद्यते स्वाभ्युपगतोऽर्थो यैरिति प्रवादाः । = जिसके द्वारा इष्ट अर्थ को उत्तमता से प्रतिपादित किया जाय, उसे प्रवाद कहते हैं ।