कांक्ष: Difference between revisions
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Revision as of 16:53, 14 November 2020
प्रथम पृथिवी के प्रथम प्रस्तार में स्थित सीमंतक नामक इंद्रक बिल की पूर्व दिशा में स्थित महानरक । यह दुर्वर्ण नारकियों से व्याप्त रहता है । हरिवंशपुराण 4.151-152