अल्पबहुत्व - प्रकीर्णक प्ररूपणाएँ 1-5: Difference between revisions
From जैनकोष
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<strong id="3.1">1. | <strong id="3.1">1. सिद्धों की अनेक अपेक्षाओं से अल्पबहुत्व प्ररूपणा</strong> | ||
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<td width="201" valign="top"> | <td width="201" valign="top"> | ||
<p align="justify"> | <p align="justify"> | ||
अधोलोक सिद्ध | |||
</p> | </p> | ||
</td> | </td> | ||
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<td width="264" valign="top"> | <td width="264" valign="top"> | ||
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एक समय में सिद्धि होती है। अतः | एक समय में सिद्धि होती है। अतः अल्पबहुत्व का अभाव है। | ||
</p> | </p> | ||
</td> | </td> | ||
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<td width="201" valign="top"> | <td width="201" valign="top"> | ||
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आठ | आठ समय अंतर से | ||
</p> | </p> | ||
</td> | </td> | ||
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<td width="201" valign="top"> | <td width="201" valign="top"> | ||
<p align="justify"> | <p align="justify"> | ||
सात | सात समय अंतर से | ||
</p> | </p> | ||
</td> | </td> | ||
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<td width="201" valign="top"> | <td width="201" valign="top"> | ||
<p align="justify"> | <p align="justify"> | ||
छः | छः समय अंतर से | ||
</p> | </p> | ||
</td> | </td> | ||
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<td width="201" valign="top"> | <td width="201" valign="top"> | ||
<p align="justify"> | <p align="justify"> | ||
पांच | पांच समय अंतर से | ||
</p> | </p> | ||
</td> | </td> | ||
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<td width="201" valign="top"> | <td width="201" valign="top"> | ||
<p align="justify"> | <p align="justify"> | ||
चार | चार समय अंतर से | ||
</p> | </p> | ||
</td> | </td> | ||
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<td width="201" valign="top"> | <td width="201" valign="top"> | ||
<p align="justify"> | <p align="justify"> | ||
तीन | तीन समय अंतर से | ||
</p> | </p> | ||
</td> | </td> | ||
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<td width="201" valign="top"> | <td width="201" valign="top"> | ||
<p align="justify"> | <p align="justify"> | ||
दो | दो समय अंतर से | ||
</p> | </p> | ||
</td> | </td> | ||
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<td width="268" valign="top"> | <td width="268" valign="top"> | ||
<p align="justify"> | <p align="justify"> | ||
सिद्ध | सिद्ध गति में ही सिद्धि है अतः अल्पबहुत्व नहीं है | ||
</p> | </p> | ||
</td> | </td> | ||
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<td width="268" valign="top"> | <td width="268" valign="top"> | ||
<p align="justify"> | <p align="justify"> | ||
केवल मनुष्य | केवल मनुष्य गति से ही सिद्धि है अतः अल्पबहुत्व नहीं हैं | ||
</p> | </p> | ||
</td> | </td> | ||
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<td width="268" valign="top"> | <td width="268" valign="top"> | ||
<p align="justify"> | <p align="justify"> | ||
अवेद | अवेद भाव में ही सिद्धि है अतः अल्पबहुत्व नहीं है | ||
</p> | </p> | ||
</td> | </td> | ||
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<td width="270" valign="top"> | <td width="270" valign="top"> | ||
<p align="justify"> | <p align="justify"> | ||
यथाख्यात से ही होनेसे अल्पबहुत्व नहीं है | |||
</p> | </p> | ||
</td> | </td> | ||
Line 1,135: | Line 1,135: | ||
<td width="268" valign="top"> | <td width="268" valign="top"> | ||
<p align="justify"> | <p align="justify"> | ||
केवलज्ञान से ही होने से अल्पबहुत्व नहीं | |||
</p> | </p> | ||
</td> | </td> | ||
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<td width="202" valign="top"> | <td width="202" valign="top"> | ||
<p align="justify"> | <p align="justify"> | ||
मति श्रुत अवधि मनःपर्याय | मति श्रुत अवधि मनःपर्याय ज्ञान से | ||
</p> | </p> | ||
</td> | </td> | ||
Line 1,338: | Line 1,338: | ||
<td width="201" valign="top"> | <td width="201" valign="top"> | ||
<p align="justify"> | <p align="justify"> | ||
जघन्य | जघन्य अवगाहना से | ||
</p> | </p> | ||
</td> | </td> | ||
Line 1,355: | Line 1,355: | ||
<td width="201" valign="top"> | <td width="201" valign="top"> | ||
<p align="justify"> | <p align="justify"> | ||
उत्कृष्ट | उत्कृष्ट अवगाहना से | ||
</p> | </p> | ||
</td> | </td> | ||
Line 1,372: | Line 1,372: | ||
<td width="201" valign="top"> | <td width="201" valign="top"> | ||
<p align="justify"> | <p align="justify"> | ||
यवमध्य | यवमध्य अवगाहना से | ||
</p> | </p> | ||
</td> | </td> | ||
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</table> | </table> | ||
<h5 align="justify"> | <h5 align="justify"> | ||
<strong id="3.1.12"><em>12</em><em>. </em><em>युगपत् प्राप्त | <strong id="3.1.12"><em>12</em><em>. </em><em>युगपत् प्राप्त सिद्धों की संख्या की अपेक्षा</em><em></em></strong> | ||
</h5> | </h5> | ||
<table border="1" cellspacing="0"> | <table border="1" cellspacing="0"> | ||
Line 1,575: | Line 1,575: | ||
<td width="266" valign="top"> | <td width="266" valign="top"> | ||
<p align="justify"> | <p align="justify"> | ||
की | की संख्या से होने वाले | ||
</p> | </p> | ||
</td> | </td> | ||
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<td width="201" valign="top"> | <td width="201" valign="top"> | ||
<p> | <p> | ||
2 से अधिक संख्या से | 2 से अधिक संख्या से होने वाले | ||
</p> | </p> | ||
</td> | </td> | ||
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</table> | </table> | ||
<h6 align="justify"> | <h6 align="justify"> | ||
<strong>मनुष्यणी | <strong>मनुष्यणी पर्याय से-</strong> | ||
</h6> | </h6> | ||
<p align="justify"> | <p align="justify"> | ||
Line 1,642: | Line 1,642: | ||
<td width="202" valign="top"> | <td width="202" valign="top"> | ||
<p align="justify"> | <p align="justify"> | ||
2 से अधिक | 2 से अधिक संख्या से होनेवाले | ||
</p> | </p> | ||
</td> | </td> | ||
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<td width="265" valign="top"> | <td width="265" valign="top"> | ||
<p align="justify"> | <p align="justify"> | ||
की | की संख्या से | ||
</p> | </p> | ||
</td> | </td> | ||
Line 1,687: | Line 1,687: | ||
<td width="202" valign="top"> | <td width="202" valign="top"> | ||
<p align="justify"> | <p align="justify"> | ||
1-1 की | 1-1 की संख्या से | ||
</p> | </p> | ||
</td> | </td> | ||
Line 1,699: | Line 1,699: | ||
</table> | </table> | ||
<h4 align="justify"> | <h4 align="justify"> | ||
<strong id="3.2">2. 1-1,2-2 आदि | <strong id="3.2">2. 1-1,2-2 आदि कर के संचय होने वाले जीवों की अल्पबहुत्व प्ररूपणा-</strong> | ||
</h4> | </h4> | ||
<h5 align="justify"> | <h5 align="justify"> | ||
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</p> | </p> | ||
<p align="justify"> | <p align="justify"> | ||
संकेत - नो.कृ. (नोकृति संचित) = 1-1 करके संचित | संकेत - नो.कृ. (नोकृति संचित) = 1-1 करके संचित होने वाले, | ||
</p> | </p> | ||
<p align="justify"> | <p align="justify"> | ||
अव. (अवक्तव्य संचित) = 2-2 करके संचित | अव. (अवक्तव्य संचित) = 2-2 करके संचित होने वाले, | ||
</p> | </p> | ||
<p align="justify"> | <p align="justify"> | ||
कृ. (कृति संचित) = 3 आदि करके संचित | कृ. (कृति संचित) = 3 आदि करके संचित होने वाले, | ||
</p> | </p> | ||
<table border="1" cellspacing="0"> | <table border="1" cellspacing="0"> | ||
Line 2,244: | Line 2,244: | ||
<td width="155" valign="top"> | <td width="155" valign="top"> | ||
<p align="justify"> | <p align="justify"> | ||
6-1ली पृथिवी तक | 6-1ली पृथिवी तक सब में पृथक् पृथक् अपने उपर की अपेक्षा | ||
</p> | </p> | ||
</td> | </td> |
Revision as of 21:21, 13 March 2022
3. प्रकीर्णक प्ररूपणाएँ
1. सिद्धों की अनेक अपेक्षाओं से अल्पबहुत्व प्ररूपणा
( राजवार्तिक 10/9/14/647/27 )
1. असंहरण सिद्ध व जन्मसिद्ध की अपेक्षा
क्रम |
मार्गणा |
अल्पबहुत्व |
- |
संहरण सिद्ध |
स्तोक |
- |
जन्म सिद्ध |
सं.गुणे |
2. क्षेत्र की अपेक्षा- (केवल संहरण सिद्धों में)
क्रम |
मार्गणा |
अल्पबहुत्व |
- |
ऊर्ध्व लोक सिद्ध |
स्तोक |
- |
अधोलोक सिद्ध |
सं.गुणे |
- |
तिर्यग्लोक सा. |
सं.गुणे |
- |
तिर्यग्लोक विशेष:- |
- |
- |
समुद्र सा. सिद्ध |
स्तोक |
- |
द्वीप सा. सिद्ध |
सं.गुणे |
- |
लवण समुद्र सिद्ध |
स्तोक |
- |
कालोक समुद्र सिद्ध |
स्तोक |
- |
जंबूद्वीप सिद्ध |
सं.गुणे |
- |
धातकी सिद्ध |
सं.गुणे |
- |
पुष्करार्ध |
सं.गुणे |
3. काल की अपेक्षा
क्रम |
मार्गणा |
अल्पबहुत्व |
- |
उत्सर्पिणी सिद्ध |
स्तोक |
- |
अवसर्पिणी |
विशेषाधिक |
- |
अनुत्सर्पिण्यनवसर्पिणी (विदेहक्षेत्र) |
सं. गुणे |
- |
प्रत्युत्पन्ननयापेक्षया |
एक समय में सिद्धि होती है। अतः अल्पबहुत्व का अभाव है। |
4. अंतर की अपेक्षा
निरंतर होनेवालों की अपेक्षा-
क्रम |
मार्गणा |
अल्पबहुत्व |
- |
आठ समय अंतर से |
स्तोक |
- |
सात समय अंतर से |
सं.गुणे |
- |
छः समय अंतर से |
सं.गुणे |
- |
पांच समय अंतर से |
सं.गुणे |
- |
चार समय अंतर से |
सं.गुणे |
- |
तीन समय अंतर से |
सं.गुणे |
- |
दो समय अंतर से |
सं.गुणे |
सांतर होनेवालों की अपेक्षा-
क्रम |
मार्गणा |
अल्पबहुत्व |
- |
छः मास अंतर से |
स्तोक |
- |
एक मास अंतर से |
सं. गुणे |
- |
यव मध्य अंतर से |
सं.गुणे |
- |
अधस्तन यव मध्य अंतर से |
सं. गुणे |
- |
उपरिम यव मध्य अंतर से |
विशेषाधिक |
5. गति की अपेक्षा
क्रम |
मार्गणा |
अल्पबहुत्व |
- |
प्रत्युत्पन्न नयापेक्षा |
सिद्ध गति में ही सिद्धि है अतः अल्पबहुत्व नहीं है |
- |
अनंतर गति अपेक्षा |
केवल मनुष्य गति से ही सिद्धि है अतः अल्पबहुत्व नहीं हैं |
एकांतर गति अपेक्षा-
क्रम |
मार्गणा |
अल्पबहुत्व |
- |
तिर्यग्गति से |
स्तोक |
- |
मनुष्य गति से |
सं.गुणा |
- |
नरक गति से |
सं.गुणा |
- |
देव गति से |
सं.गुणा |
6. वेदानुयोग की अपेक्षा
क्रम |
मार्गणा |
अल्पबहुत्व |
- |
प्रत्युत्पन्न नयापेक्षा |
अवेद भाव में ही सिद्धि है अतः अल्पबहुत्व नहीं है |
भूत नयापेक्षया- |
||
- |
नपुंसक वेद से |
स्तोक |
- |
स्त्री वेद से |
सं.गुणे |
- |
पुरुष वेद से |
सं.गुणे |
7. तीर्थंकर व सामान्य केवली की अपेक्षा
क्रम |
मार्गणा |
अल्पबहुत्व |
- |
तीर्थंकर सिद्ध |
स्तोक |
- |
सामान्य सिद्ध |
सं.गुणे |
8. चारित्र की अपेक्षा
क्रम |
मार्गणा |
अल्पबहुत्व |
- |
प्रत्युत्पन्न नयापेक्षया |
निर्विकल्प चारित्र से सिद्धि होने से अल्पबहुत्व नहीं है |
- |
अनंतर चारित्रापेक्षा |
यथाख्यात से ही होनेसे अल्पबहुत्व नहीं है |
एकांतर चारित्रापेक्षा- |
||
- |
पंच चारित्र सिद्ध |
स्तोक |
- |
चार चारित्र सिद्ध (परिहार विशुद्धि रहित) |
सं.गुणे |
9. प्रत्येक बुद्ध व बोधित बुद्ध की अपेक्षा
क्रम |
मार्गणा |
अल्पबहुत्व |
- |
प्रत्येक बुद्ध |
स्तोक |
- |
बोधित बुद्ध |
सं.गुणे |
10. ज्ञान की अपेक्षा
क्रम |
मार्गणा |
अल्पबहुत्व |
- |
प्रत्युत्पन्न नयापेक्षा |
केवलज्ञान से ही होने से अल्पबहुत्व नहीं |
अनंतर ज्ञानापेक्षा-
क्रम |
मार्गणा |
अल्पबहुत्व |
- |
दो ज्ञान सिद्ध |
स्तोक |
- |
चतुःज्ञान सिद्ध |
सं.गुणे |
- |
त्रिज्ञान सिद्ध |
सं.गुणे |
विशेषापेक्षया-
क्रम |
मार्गणा |
अल्पबहुत्व |
- |
मति श्रुत मनःपर्यय |
स्तोक |
- |
मति श्रुत से |
सं.गुणे |
- |
मति श्रुत अवधि मनःपर्याय ज्ञान से |
सं.गुणे |
- |
मति श्रुत अवधिसे |
सं.गुणे |
11. अवगाहना की अपेक्षा
क्रम |
मार्गणा |
अल्पबहुत्व |
- |
जघन्य अवगाहना से |
स्तोक |
- |
उत्कृष्ट अवगाहना से |
सं.गुणे |
- |
यवमध्य अवगाहना से |
सं.गुणे |
- |
अधस्तन यवमध्य |
सं.गुणे |
- |
उपरि यवमध्य |
विशेषाधिक |
12. युगपत् प्राप्त सिद्धों की संख्या की अपेक्षा
क्रम |
मार्गणा |
अल्पबहुत्व |
- |
108 सिद्ध |
स्तोक |
- |
108-50 तक के |
अनंत गुणे |
- |
49-25 तक के |
असं. गुणे |
- |
24-1 तक के |
सं.गुणे |
मनुष्य पर्याय से-
( धवला 9/ पृ.318)
क्रम |
मार्गणा |
अल्पबहुत्व |
- |
1-1 |
की संख्यासे होनेवाले |
स्तोक |
||
- |
2-2 |
की संख्या से होने वाले |
विशेषाधिक |
||
- |
2 से अधिक संख्या से होने वाले |
सं.गुणे |
मनुष्यणी पर्याय से-
( धवला 9/ पृ.318)
क्रम |
मार्गणा |
अल्पबहुत्व |
- |
2 से अधिक संख्या से होनेवाले |
स्तोक |
- |
2-2 |
की संख्या से |
सं.गुणे |
||
- |
1-1 की संख्या से |
सं.गुणे |
2. 1-1,2-2 आदि कर के संचय होने वाले जीवों की अल्पबहुत्व प्ररूपणा-
अल्पबहुत्व प्ररूपणा-
( धवला 9/4,1,66/318-321 )
संकेत - नो.कृ. (नोकृति संचित) = 1-1 करके संचित होने वाले,
अव. (अवक्तव्य संचित) = 2-2 करके संचित होने वाले,
कृ. (कृति संचित) = 3 आदि करके संचित होने वाले,
पृष्ठ |
मार्गणा |
संकेत |
अल्पबहुत्व |
1. गति मार्गणा-
(1) स्वस्थान की अपेक्षा-
पृष्ठ |
मार्गणा |
संकेत |
अल्पबहुत्व |
318 |
नरक गति सामान्य |
नो.कृ. |
स्तोक |
- |
नरक गति समान्य |
अव. |
विशेषाधिक |
- |
- |
कृ. |
ज.प्र./असं.गुणे |
318 |
1-7 पृथिवी |
- |
नरक सामान्यवत् |
318 |
देवगति सामान्य व विशेष |
- |
नरक गतिवत् |
318 |
तिर्यंच गति सा. विशेष |
- |
नरक गतिवत् |
319 |
मनुष्य गति सा. विशेष |
- |
नरक गतिवत् |
सिद्धोमें विशेषता-
पृष्ठ |
मार्गणा |
संकेत |
अल्पबहुत्व |
318 |
सिद्ध सामान्य |
कृ. |
स्तोक |
- |
- |
अव. |
सं.गुणे |
- |
- |
नो.कृ. |
सं.गुणे |
318 |
मनुष्य प.से प्राप्त सिद्ध |
नो.कृ. |
स्तोक |
- |
- |
अव. |
विशेषाधिक |
- |
- |
कृ. |
सं.गुणे |
- |
मनुष्यणी प.से प्राप्त सिद्ध |
कृ. |
स्तोक |
- |
- |
अव. |
|
सं.गुणे |
|||
- |
- |
नो.कृ |
सं.गुणे |
(2) परस्थान की अपेक्षा-
पृष्ठ |
मार्गणा |
संकेत |
अल्पबहुत्व |
319 |
7वीं पृथिवी |
नो.कृ. |
स्तोक |
- |
- |
अव. |
विशेषाधिक |
319 |
6-1ली पृथिवी तक सब में पृथक् पृथक् अपने उपर की अपेक्षा |
नो.कृ. |
सं.गुणे |
- |
- |
अव. विशेषाधिक |
|
319 |
7वीं पृथिवी |
कृ. |
असं.गुणे |
319 |
6ठी पृथिवी |
कृ. |
असं.गुणे |
319 |
5वीं पृथिवी |
कृ. |
असं.गुणे |
319 |
4थी पृथिवी |
कृ. |
असं.गुणे |
320 |
3री |
पृथिवी |
कृ. |
असं.गुणे |
|||
320 |
2री पृथिवी |
कृ. |
असं.गुणे |
320 |
1ली पृथिवी |
कृ. |
असं.गुणे |
(3) स्व परस्थान की अपेक्षा-
पृष्ठ |
मार्गणा |
संकेत |
अल्पबहुत्व |
320 |
मनुष्यणी |
कृ. |
स्तोक |
- |
- |
अव. |
सं.गुणी |
- |
- |
नो.कृ. |
सं.गुणी |
320 |
मनुष्य |
नो.कृ. |
असं.गुणी |
- |
- |
अव. |
विशेषाधिक |
320 |
तिर्यंच योनिमति |
नो.कृ. |
असं.गुणी |
- |
- |
अव. |
|
विशेषाधिक |
|||
320 |
नारकी |
नो.कृ. |
असं.गुणी |
- |
- |
अव. |
विशेषाधिक |
320 |
देव |
नो.कृ. |
असं.गुणी |
- |
- |
अव. |
विशेषाधिक |
320 |
देवियाँ |
नो.कृ. |
असं.गुणी |
- |
- |
अव. |
विशेषाधिक |
320 |
मनुष्य |
कृ. |
असं.गुणी |
320 |
नारकी |
कृ. |
असं.गुणी |
320 |
तिर्यंच योनिमति |
कृ. |
असं.गुणी |
320 |
देव |
कृ. |
असं.गुणी |
320 |
देवियाँ |
कृ. |
असं.गुणी |
320 |
तिर्यंच सामान्य |
नो.कृ. |
अनंतगुणी |
320 |
- |
अव. |
विशेषाधिक |
- |
- |
कृ. |
असं.गुणी |
320 सिद्ध |
कृ. |
अनंतगुणी |
|
- |
- |
अव. |
सं.गुणी |
- |
- |
नो.कृ. |
सं.गुणी |
2. इंद्रिय मार्गणा-
स्व व परस्थान की अपेक्षा-
पृष्ठ |
मार्गणा |
संकेत |
अल्पबहुत्व |
321 |
चतुरिंद्रिय |
नो.कृ. |
स्तोक |
- |
- |
अव. |
विशेषाधिक |
321 |
त्रींद्रिय |
नो.कृ. |
विशेषाधिक |
- |
- |
अव. |
विशेषाधिक |
321 |
द्वींद्रिय |
नो.कृ. |
विशेषाधिक |
- |
- |
अव. |
विशेषाधिक |
321 |
पंचेंद्रिय |
नो.कृ. |
असं.गुणे |
- |
- |
अव. |
विशेषाधिक |
- |
- |
कृ. |
असं.गुणे |
321 |
चतुरिंद्रिय |
कृ. |
विशेषाधिक |
321 |
त्रींद्रिय |
कृ. |
विशेषाधिक |
321 |
द्वींद्रिय |
कृ. |
विशेषाधिक |
321 |
एकेंद्रिय |
नो.कृ. |
अनंत गुणे |
- |
- |
अव. |
विशेषाधिक |
- |
- |
कृ. |
असं.गुणे |
नोट - इससे आगेके सर्व स्थान यथायोग्य एकेंद्रिवत् जानना।
3. अन्य मार्गणाएँ-
स्व व परस्थानों की अपेक्षा-
पृष्ठ |
मार्गणा |
संकेत |
अल्पबहुत्व |
319 |
मनःपर्यय ज्ञान |
- |
नरक गतिवत् |
319 |
क्षायिक सम्यग्दृष्टि |
- |
नरक गतिवत् |
319 |
संयत सामान्य विशेष |
- |
नरक गतिवत् |
319 |
अनुत्तरादि विमानोंसे मनुष्य होनेवाले देव |
- |
नरक गतिवत् |
319 |
तथा अन्य संख्यात राशियाँ |
- |
नरक गतिवत् |
3. तेईस वर्गणाओं संबंधी प्ररूपणाएँ-
23 वर्गणाओंके नाम-
( षट्खंडागम 14/5,56/ सू.76-97/54-118)
1. एक प्रदेशप्रमाणु वर्गणा; 2. संख्याताणु वर्गणा; 3. असंख्याताणु वर्गणा; 4. अनंताणु वर्गणा; 5. आहारक वर्गणा; 6. अग्राह्य वर्गणा; 7. तैजस शरीर वर्गणा; 8. अग्राह्य वर्गणा; 9.भाषा वर्गणा; 10. अग्राह्य वर्गणा; 11. मनो वर्गणा; 12. अग्राह्य वर्गणा; 13. कार्मण वर्गणा; 14. ध्रुव स्कंध मार्गणा; 15. सांतरनिरंतर वर्गणा; 16. ध्रुव शून्य वर्गणा; 17. प्रत्येक शरीर वर्गणा; 18. ध्रुव शून्य वर्गणा; 19. बादर निगोद वर्गणा; 20. ध्रुव शूऩ्य वर्गणा; 21. सूक्ष्म निगोद वर्गणा; 22. ध्रुव शून्य वर्गणा; 23. महा स्कंध वर्गणा।
वर्ग.सं. अल्पबहुत्व गुणकार
1. एक श्रेणी वर्गणाके द्रव्य प्रमाण की अपेक्षा-
( धवला 14/ पृ.163-169)
वर्ग.सं. |
अल्पबहुत्व |
गुणकार |
1 |
स्तोक |
एक संख्या प्रमाण |
2 |
सं.गुणी |
एक कम उत्कृष्ट संख्या |
3 |
असं.गुणी |
स्व राशि/असं. |
5 |
अनंतगुणी |
स्व राशि/असं. |
7 |
अनंतगुणी |
स्व राशि/अनंत |
9 |
अनंतगुणी |
उपरोक्त श्रेणी/स्व राशि |
11 |
अनंतगुणी |
उपरोक्त श्रेणी/स्व राशि |
13 |
अनंतगुणी |
उपरोक्त श्रेणी/स्व राशि |
4 |
अनंतगुणी |
अभव्य X अनंत |
6 |
अनंतगुणी |
अभव्य X अनंत |
8 |
अनंतगुणी |
अभव्य X अनंत |
10 |
अनंतगुणी |
अभव्य X अनंत |
12 |
अनंतगुणी |
अभव्य X अनंत |
14 |
अनंतगुणी |
सर्व जीव राशि X अनंत |
15 |
अनंतगुणी |
सर्व जीव राशि X अनंत |
16 |
अनंतगुणी |
सर्व जीव राशि X अनंत |
17 |
असं.गुणी |
पल्य/असं. |
18 |
अनंतगुणी |
अनंतलोक |
19 |
असं.गुणी |
ज.श्रे./अस. |
20 |
अस.गुणी |
अंगु/असं. |
21 |
असं.गुणी |
पल्य/असं. |
23 |
असं.गुणी |
ज.प्र./असं. |
22 |
असं.गुणी |
पल्य/असं. |
2. नाना श्रेणी वर्गणाके द्रव्य प्रमाण की अपेक्षा-
( धवला 14/ पृ.169-179 तथा 208-212)
वर्ग.सं. |
अल्पबहुत्व |
गुणकार |
23 |
स्तोक |
एक संख्या प्रमाण |
19 |
असं.गुणे |
आ./असं.=असं.लोक |
21 |
असं.गुणे |
आ./असं.=असं.लोक |
17 |
असं.गुणे |
आ./असं.=असं.लोक |
15 |
अनंत गुणे |
सर्व जीव राशि X अनंत |
14 |
अनंत गुणे |
सर्व जीव राशि X अनंत |
13 |
अनंत गुणे |
अभव्य X अनंत |
12 |
अनंत गुणे |
अभव्य X अनंत |
11 |
अनंत गुणे |
स्व गुणहानि शलाकाकी अन्योन्याभ्यस्त राशि |
10 |
अनंत गुणे |
स्व गुणहानि शलाकाकी अन्योन्याभ्यस्त राशि |
9 |
अनंत गुणे |
स्व गुणहानि शलाकाकी अन्योन्याभ्यस्त राशि |
8 |
अनंत गुणे |
स्व गुणहानि शलाकाकी अन्योन्याभ्यस्त राशि |
7 |
अनंत गुणे |
स्व गुणहानि शलाकाकी अन्योन्याभ्यस्त राशि |
6 |
अनंत गुणे |
स्व गुणहानि शलाकाकी अन्योन्याभ्यस्त राशि |
5 |
अनंत गुणे |
स्व गुणहानि शलाकाकी अन्योन्याभ्यस्त राशि |
4 |
अनंत गुणे |
स्व गुणहानि शलाकाकी अन्योन्याभ्यस्त राशि |
1 |
अनंत गुणे |
जघन्य परीतानंत |
2 |
सं.गुणे |
2 कम उत्कृष्ट संख्यात |
3 |
असं.गुणी |
- |
16 |
- |
ध्रुव शून्य वर्गणाओंका कथन नहीं किया क्योंकि वह पुद्गल रूप नहीं है आकाश रूप है |
18 |
- |
- |
20 |
- |
- |
22 |
- |
- |
3. नाना श्रेणी प्रदेश प्रमाण की अपेक्षा-
( धवला 14/ पृ.213-215)
वर्ग.सं. |
अल्पबहुत्व |
गुणकार |
17 |
स्तोक |
- |
23 |
अनंत गुणे |
अनंत लोक |
19 |
असं.गुणे |
असं.लोक |
21 |
असं.गुणे |
असं.लोक |
15 |
अनंत गुणे |
सर्व जीव X अनंत |
14 |
अनंत गुणे |
सर्व जीव X अनंत |
13 |
अनंत गुणे |
स्व अन्योन्याभ्यस्तराशि |
12 |
अनंत गुणे |
स्व अन्योन्याभ्यस्तराशि |
11 |
अनंत गुणे |
स्व अन्योन्याभ्यस्तराशि |
10 |
अनंत गुणे |
स्व अन्योन्याभ्यस्तराशि |
9 |
अनंत गुणे |
स्व अन्योन्याभ्यस्तराशि |
8 |
अनंत गुणे |
स्व अन्योन्याभ्यस्तराशि |
7 |
अनंत गुणे |
स्व अन्योन्याभ्यस्तराशि |
6 |
अनंत गुणे |
स्व अन्योन्याभ्यस्तराशि |
5 |
अनंत गुणे |
स्व अन्योन्याभ्यस्तराशि |
4 |
अनंत गुणे |
स्व अन्योन्याभ्यस्तराशि |
1 |
अनंत गुणे |
स्व अन्योन्याभ्यस्तराशि |
2 |
असं.गुणे |
- |
3 |
असं.गुणे |
- |
16 |
- |
ध्रुव शून्य वर्गणाका कथन नहीं किया क्योंकि वह पुद्गल रूप नहीं है आक्राश रूप है। |
18 |
- |
- |
20 |
- |
- |
22 |
- |
- |
4. एक श्रेणी द्रव्य, नाना श्रेणी द्रव्य और प्रदेश की अपेक्षा स्व व परस्थान प्ररूपणा -
( धवला 14/ पृ.215-223)
वर्ग.सं. |
एकश्रेणी या नाना श्रेणी |
अल्पबहुत्व |
गुणकार |
1 |
एक श्रेणी द्रव्य |
स्तोक |
एक संख्या ही है |
23 |
नाना श्रेणी द्रव्य |
स्तोक |
एक संख्या ही है |
2 |
एक श्रेणी द्रव्य |
सं.गुणी |
एक कम उत्कृष्ट संख्या |
19 |
नाना श्रेणी द्रव्य |
असं.गुणी |
असं.लोक |
21 |
नाना श्रेणी द्रव्य |
असं.गुणी |
असं.लोक |
17 |
नाना श्रेणी द्रव्य |
असं.गुणी |
असं.लोक |
3 |
एक श्रेणी द्रव्य |
असं.गुणी |
असं.लोक |
5 |
एक श्रेणी द्रव्य |
अनंत |
अभव्य X अनंत |
4 |
एक श्रेणी द्रव्य |
अनंत |
अभव्य X अनंत |
7 |
एक श्रेणी द्रव्य |
अनंत |
अभव्य X अनंत |
6 |
एक श्रेणी द्रव्य |
अनंत |
अभव्य X अनंत |
9 |
एक श्रेणी द्रव्य |
अनंत |
अभव्य X अनंत |
8 |
एक श्रेणी द्रव्य |
अनंत |
अभव्य X अनंत |
11 |
एक श्रेणी द्रव्य |
अनंत |
अभव्य X अनंत |
10 |
एक श्रेणी द्रव्य |
अनंत |
अभव्य X अनंत |
13 |
एक श्रेणी द्रव्य |
अनंत |
अभव्य X अनंत |
12 |
एक श्रेणी द्रव्य |
अनंत |
अभव्य X अनंत |
14 |
एक श्रेणी द्रव्य |
अनंत |
सर्व जीव X अनंत |
15 |
एक श्रेणी द्रव्य |
अनंत |
सर्व जीव X अनंत |
16 |
एक श्रेणी द्रव्य |
अनंत |
सर्व जीव X अनंत |
17 |
एक श्रेणी द्रव्य |
असं.गुणी |
पल्य/असं. |
17 |
नाना श्रेणी द्रव्य |
असं.गुणी |
असं.लोक |
18 |
एक श्रेणी द्रव्य |
अनंत गुणी |
अनंत लोक |
19 |
एक श्रेणी द्रव्य |
असं.गुणे |
पल्य/असं. |
20 |
एक श्रेणी द्रव्य |
असं.गुणे |
अंगु/असं. |
21 |
एक श्रेणी द्रव्य |
असं.गुणे |
आ./असं. |
23 |
एक श्रेणी द्रव्य |
असं.गुणे |
ज.प्र./असं. |
22 |
एक श्रेणी द्रव्य |
असं.गुणे |
पल्य/असं. |
नाना श्रेणियों में
वर्ग.सं. |
एकश्रेणी या नाना श्रेणी |
अल्पबहुत्व |
गुणकार |
- |
कुल द्रव्य कुल प्रदेश |
- |
- |
23 |
X कुल प्रदेश |
विशेषाधिक |
- |
19 |
X कुल प्रदेश |
असं.गुणे |
- |
21 |
X कुल प्रदेश |
असं.गुणे |
- |
15 |
कुल प्रदेश X |
अनंत गुणे |
सर्व जीव X अनंत |
15 |
X कुल प्रदेश |
अनंत गुणे |
सर्व जीव X अनंत |
14 |
कुल प्रदेश X |
अनंत गुणे |
सर्व जीव X अनंत |
14 |
X कुल प्रदेश |
अनंत गुणे |
अभव्य X अनंत |
13 |
कुल प्रदेश X |
अनंत गुणे |
निचला स्थान\स्व अन्योन्याभ्यस्त राशि |
13 |
X कुल प्रदेश |
अनंत गुणे |
अभव्य X अनंत |
12 |
कुल प्रदेश X |
अनंत गुणे |
पीछे.नं. 13 वत् |
12 |
X कुल प्रदेश |
अनंत गुणे |
एक अधिक अधस्तन अध्वार |
11 |
कुल प्रदेश X |
अनंत गणे |
पीछें नं. 13 वत् |
11 |
X कुल प्रदेश |
अनंत गुणे |
पीछे. नं. 12 वत् |
10 |
कुल प्रदेश X |
अनंत गुणे |
पीछें नं. 13 वत् |
10 |
X कुल प्रदेश |
अनंत गुणे |
पीछे नं. 12 वत् |
9 |
कुल प्रदेश X |
अनंत गुणे |
पीछे नं. 13 वत् |
9 |
X कुल प्रदेश |
अनंत गुणे |
पीछे नं. 12 वत् |
8 |
कुल प्रदेश X |
अनंत गुणे |
पीछे नं. 13 वत् |
8 |
X कुल प्रदेश |
अनंत गुणे |
पीछे नं. 12 वत् |
7 |
कुल प्रदेश X |
अनंत गुणे |
पीछे नं. 13 वत् |
7 |
X कुल प्रदेश |
अनंत गुणे |
पीछे नं. 12 वत् |
6 |
कुल प्रदेश X |
अनंत गुणे |
पीछे नं. 13 वत् |
6 |
X कुल प्रदेश |
अनंत गुणे |
पीछे नं. 12 वत् |
5 |
कुल प्रदेश X |
अनंत गुणे |
पीछे नं. 13 वत् |
5 |
X कुल प्रदेश |
अनंत गुणे |
पीछे नं. 12 वत् |
4 |
कुल प्रदेश X |
अनंत गुणे |
पीछे नं. 13 वत् |
4 |
X कुल प्रदेश |
अनंत गुणे |
पीछे नं. 12 वत् |
1 |
कुल प्रदेश X |
अनंत गुणे |
पीछे नं.13 वत् |
1 |
X कुल प्रदेश |
ऊपर समान |
- |
2 |
कुल प्रदेश X |
सं.गुणा |
एक कम उत्कृष्ट संख्या |
2 |
X कुल प्रदेश |
सं.गुणा |
संख्यात |
3 |
कुल प्रदेश X |
असं.गुणे |
असं.लोक |
3 |
X कुल प्रदेश |
असं.गुणे |
असं.लोक |
16 |
- |
- |
नाना श्रेणीमें इनका कथन नहीं होता क्योंकि ये आकाश रूप हैं, पुद्गल रूप नहीं। |
18 |
- |
- |
- |
20 |
- |
- |
- |
21 |
- |
- |
- |
4. पंच शरीर बद्ध वर्गणाओंकी प्ररूपणा-
1. पंच वर्गणाओं के द्रव्य प्रमाण की अपेक्षा-
( धवला 9/4,1,2/37 )
वर्गणा का नाम |
अल्पबहुत्व |
गुणकार |
आहारक वर्गणा |
स्तोक |
- |
तैजस वर्गणा |
अनंत गुणे |
- |
भाषा वर्गणा |
अनंत गुणे |
- |
मनो वर्गणा |
अनंत गुणे |
- |
कार्माण वर्गणा |
अनंत गणे |
- |
2. पंच वर्गणाओं की अवगाहना की अपेक्षा-
( षट्खंडागम 14/5,6/ सू.790-796/562)
वर्गणा का नाम |
अल्पबहुत्व |
गुणकार |
औ. योग्य आहारक वर्गणा |
स्तोक |
X |
वै. योग्य आहारक वर्गणा |
असं.गुणे |
ज.श्रे/अस. |
आ. योग्य आहारक वर्गणा |
असं.गुणे |
ज.श्रे/असं. |
तै. योग्य तैजस वर्गणा |
अनंत गुणे |
सिद्ध/अनंत |
भाषा योग्य भाषा वर्गणा |
अनंत गुणे |
सिद्ध/अनंत |
मन योग्य मनो वर्गणा |
अनंत गुणे |
सिद्ध/अनंत |
कर्म योग्य कार्मण वर्गणा |
अनंत गुणे |
सिद्ध/अनंत |
3. पंच शरीर बद्ध विस्रसोपचयों की अपेक्षा-
( धवला 14/5,6/324 )
वर्गणा का नाम |
अल्पबहुत्व |
गुणकार |
औ. योग्य आहारकका ज. विस्र |
स्तोक |
- |
औ. योग्य आहारकका उ. विस्र |
असं.गुणे |
पल्य/असं. |
वै. |
योग्य आहारकका ज. विस्र |
अनंत गुणे |
सर्व जीवXअनंत |
||
वै. योग्य आहारकका उ. विस्र |
असं.गुणे |
पल्य/असं. |
आ. योग्य आहारकका ज. विस्र |
अनंत गुणे |
सर्व जीवXअनंत |
आ. योग्य आहारकका उ. विस्र |
असं. गुणे |
पल्य/असं. |
तै. योग्य तैजस ज. विस्र |
अनंत गुणे |
सर्व जीवXअनंत |
तै. योग्य तैजस उ. विस्र |
असं. गुणे |
पल्य/असं. |
का. योग्य तैजस ज. विस्र |
अनंत गुणे |
सर्व जीवXअनंत |
का. योग्य तैजस ज. विस्र |
असं.गुणे |
पल्य/असं. |
4. प्रत्येक वर्गणा में समय प्रबद्ध प्रदेशों की अपेक्षा -
( षट्खंडागम 14/5,6/785-789/560 )
वर्गणा का नाम |
अल्पबहुत्व |
गुणकार |
औ. योग्य आहारक वर्गणा |
स्तोक |
X |
वै. योग्य आहारक वर्गणा |
असं.गुणे |
ज.श्रे./असं. |
आ.योग्य आहारक वर्गणा |
असं.गुणे |
ज.श्रे/असं. |
तै. योग्य तैजस वर्गणा |
अनंत गुणे |
सिद्ध/अनंत |
भाष योग्य भाषा वर्गणा |
अनंत गुणे |
सिद्ध/अनंत |
मन योग्य मनो वर्गणा |
अनंत गुणे |
सिद्ध/अनंत |
कर्म योग्य कार्मण वर्गणा |
अनंत गुणे |
सिद्ध/ अनंत |
5. शरीर बद्ध विस्रसोपचयों की स्व व परस्थान अपेक्षा-
स्वस्थान अपेक्षा-
( षट्खंडागम 14/5,6/ सू.544-548/453)
वर्गणा का नाम |
अल्पबहुत्व |
गुणकार |
ज.औ.का ज. पदमें ज. विस्र. |
स्तोक |
- |
ज. औ.का उ. पदमें उ. विस्र. |
अनंत गुणे |
जीवXअनंत |
उ. औ.का ज. पदमें ज. विस्र. |
अनंत गुणे |
जीवXअनंत |
उ. औ.का उ. पदमें उ. विस्र. |
अनंत गुणे |
जीवXअनंत |
वैक्रियिक के चारों स्थान |
उपरोक्तवत् |
- |
आहारक के चारों स्थान |
उपरोक्तवत् |
- |
तैजस के चारों स्थान |
उपरोक्तवत् |
- |
कार्मण के चारों स्थान |
उपरोक्तवत् |
- |
परस्थान अपेक्षा-
( षट्खंडागम 14/5,6/ सू.544-552/455)
वर्गणा का नाम |
अल्पबहुत्व |
गुणकार |
ज. औ.का ज. पदमें ज. विस्र. |
स्तोक |
- |
ज. औ.का उ. पदमें उ. विस्र. |
अनंतगुणे |
जीवXअनंत |
उ. औ.का ज. पदमें ज. विस्र |
अनंतगुणे |
जीवXअनंत |
उ. औ.का उ. पदमें उ. विस्र |
अनंतगुणे |
जीवXअनंत |
ज. वै. ज. पदमें ज. विस्र |
अनंतगुणे |
जीवXअनंत |
ज. वै. उ. पदमें उ. विस्र |
अनंतगुणे |
जीवXअनंत |
उ. वै. ज. पदमें ज. विस्र |
अनंतगुणे |
जीवXअनंत |
उ. वै. उ. पदमें उ. विस्र |
अनंतगुणे |
जीवXअनंत |
ज. आ. ज. पदमें ज. विस्र |
अनंतगुणे |
जीवXअनंत |
ज. आ. उ. पदमें उ. विस्र |
अनंतगुणे |
जीवXअनंत |
उ. आ. ज. पदमें ज. विस्र |
अनंतगुणे |
जीवXअनंत |
उ. आ. उ. पदमें उ. विस्र |
अनंतगुणे |
जीवXअनंत |
ज. तै. ज. पदमें ज. विस्र |
अनंतगुणे |
जीवXअनंत |
ज. तै. उ. पदमें उ. विस्र |
अनंतगुणे |
जीवXअनंत |
उ. तै. ज. पदमें ज. विस्र |
अनंतगुणे |
जीवXअनंत |
उ. तै. उ. पदमें उ. विस्र |
अनंतगुणे |
जीवXअनंत |
ज. का. ज. पदमें ज. विस्र |
अनंतगुणे |
जीवXअनंत |
ज. का. उ. पदमें उ. विस्र |
अनंतगुणे |
जीवXअनंत |
उ. का. ज. पदमें ज. विस्र |
अनंतगुणे |
जीवXअनंत |
उ. का. उ. पदमें उ. विस्र |
अनंतगुणे |
जीवXअनंत |
6. पंच शरीर बद्ध प्रदेशों की अपेक्षा-
( षट्खंडागम 14/5-6/ सू.497-501/429)
वर्गणा का नाम |
अल्पबहुत्व |
गुणकार |
औदारिक शरीर प्रदेश |
स्तोक |
- |
वैक्रियक शरीर प्रदेश |
असं. |
ज.श्रे./असं. |
आहार शरीर प्रदेश |
असं. |
ज.श्रे./असं. |
तैजस शरीर प्रदेश |
अनंत |
सिद्ध/अनंत |
कार्मण शरीर प्रदेश |
अनंत |
सिद्ध/अनंत |
( सर्वार्थसिद्धि 2/38-39/102-103 ) ( राजवार्तिक 2/38-39/4/148 ) ( गोम्मटसार जीवकांड / जीवतत्त्व प्रदीपिका/246/510/2 )
7. औदारिक शरीर बद्ध प्रदेशों की अपेक्षा-
( षट्खंडागम 14/5,6/ सू.575-580/466)
वर्गणा का नाम |
अल्पबहुत्व |
गुणकार |
त्रस कायिक के प्रदेश |
स्तोक |
- |
अग्नि कायिक के प्रदेश |
असं. गुणे |
- |
पृथिवी कायिक के प्रदेश |
विशेषाधिक |
- |
अप कायिक के प्रदेश |
विशेषाधिक |
- |
वायु कायिक के प्रदेश |
विशेषाधिक |
- |
वनस्पति कायिक के प्रदेश |
अनंत गुणे |
- |
8. इंद्रिय बद्ध प्रदेशों की अपेक्षा-
( राजवार्तिक 1/19/6/231 )
वर्गणा का नाम |
अल्पबहुत्व |
गुणकार |
चक्षु |
सर्वतःस्तोक |
- |
श्रोत्र |
सं.गुणे |
- |
घ्राण |
विशेषाधिक |
- |
जिह्वा |
असं.गुणे |
- |
स्पर्शन |
अनंत गुणे |
- |
5. पंच शरीरोंकी अल्पबहुत्व प्ररूपणाएँ-
1. सूक्ष्मता व स्थूलता की अपेक्षा-
( सर्वार्थसिद्धि 2/37/100 )
सूत्र |
नाम शरीर या मार्गणा |
अल्पबहुत्व |
गुणकार |
- |
औदारिक शरीर |
सर्वतःस्थूल |
- |
- |
वैक्रियक शरीर |
ततःसूक्ष्म |
- |
- |
आहारक शरीर |
ततःसूक्ष्म |
- |
- |
तैजस शरीर |
ततःसूक्ष्म |
- |
- |
कार्मण शरीर |
ततःसूक्ष्म |
- |
2. औदारिक शरीर विशेष की अवगाहना की अपेक्षा-
(ष.स्र.11/4,2,5/सू.31-99/56-70) ( धवला 1/1,3,4/251/7 ) ( धवला 4/1,3,23/94/7 ) ( धवला 9/4,1,2/17/4 )
लब्ध्य पर्याप्तके स्थान
सूत्र |
नाम शरीर या मार्गणा |
अल्पबहुत्व |
गुणकार |
31 |
निगोद या बन. साधारण सू.अप.की ज. अवगाहना |
स्तोक |
अंगु./पल्य\असं. |
32 |
वायु सू. अप.की ज. |
असं.गुणी |
आ./असं. |
33 |
तेज सू. अप.की ज. |
असं.गुणी |
आ./असं. |
34 |
अप् सू. अप.की ज. |
असं.गुणी |
आ./असं. |
35 |
पृथिवी सू. अप.की ज. |
असं.गुणी |
आ./असं. |
36 |
वायु वा. अप.की ज. असं.गुणी |
पल्य/असं. |
|
37 |
तेज वा. अप.की ज. असं.गुणी |
पल्य/असं. |
|
38 |
जल वा. अप.की ज. असं.गुणी |
पल्य/असं. |
|
39 |
पृथिवी वा. अप.की ज. असं.गुणी |
पल्य/असं. |
|
40 |
निगोद या बन. साधारण बा.अप.की ज. असं.गुणी |
पल्य/असं. |
|
41 |
निगोद प्रतिष्ठित प्रत्येक अप.की ज. असं.गुणी |
पल्य/असं. |
|
42 |
अप्रतिष्ठित प्रत्येक बन.अप.की ज. असं.गुणी |
पल्य/असं. |
|
43 |
द्वींद्रिय अप.की ज. असं.गुणी |
पल्य/असं. |
|
44 |
त्रींद्रिय अप.की ज. असं.गुणी |
पल्य/असं. |
|
45 |
चतुरिंद्रिय अप.की ज. असं.गुणी |
पल्य/असं. |
|
46 |
पंचेंद्रिय अप.की ज. असं.गुणी |
पल्य/असं. |
निवृत्ति पर्याप्तक व निवृत्त्यपर्याप्तक के स्थान
सूत्र |
नाम शरीर या मार्गणा |
अल्पबहुत्व |
गुणकार |
47 |
बन. साधारण या निगोद सू.प.की.ज. |
ऊपर से असं.गुणी |
आ./असं. |
48 |
उपरोक्त अप.की उ. |
विशेषाधिक |
अंगु./असं. |
49 |
उपरोक्त प.की उ. |
विशेषाधिक |
अंगु./असं. |
50 |
वायु सू. प.की.ज. |
असं.गुणी |
आ./असं. |
51 |
वायु सू. अप.की उ. |
विशेषाधिक |
अंगु./असं. |
52 |
वायु सू. प.की उ. |
विशेषाधिक |
अंगु./असं. |
53 |
तेज सू. प.की ज. |
असं.गुणी |
आ./असं. |
54 |
तेज सू. अप.की उ. |
विशेषाधिक |
अंगु./असं. |
55 |
तेज सू. प.की उ. |
विशेषाधिक |
अंगु./असं. |
56 |
अप सू. प.की ज. |
असं.गुणी |
आ./असं. |
57 |
जल सू. अप.की उ. |
विशेषाधिक |
अंगु./असं. |
58 |
जल सू. प.की उ. |
विशेषाधिक |
अंगु./असं. |
59 |
पृथ्वी सू. प.की ज. |
असं.गुणी |
आ./असं. |
60 |
पृथ्वी सू. अप.की उ. |
विशेषाधिक |
अंगु./असं. |
61 |
पृथ्वी सू. प.की उ. |
विशेषाधिक |
अंगु./असं. |
62 |
वायु बा. प.की ज. |
असं.गुणी |
आ./असं. |
63 |
वायु बा. अप.की उ. |
विशेषाधिक |
अंगु./असं. |
64 |
वायु बा. प.की उ. |
विशेषाधिक |
अंगु./असं. |
65 |
तेज बा. प.की ज. |
असं.गुणी |
आ./असं. |
66 |
तेज बा. अप.की उ. |
विशेषाधिक |
अंगु./असं. |
67 |
तेज बा. प.की उ. |
विशेषाधिक |
अंगु./असं. |
68 |
अप् बा. प.की ज. |
असं.गुणी |
आ./असं. |
69 |
अप् बा. अप.की उ. |
विशेषाधिक |
अंगु./असं. |
70 |
अप् बा. प.की उ. |
विशेषाधिक |
अंगु./असं. |
71 |
पृथ्वी बा. प.की ज. |
असं. गुणी |
आ./असं. |
72 |
पृथ्वी बा. अप.की उ. |
विशेषाधिक |
अंगु./असं. |
73 |
पृथ्वी बा. प.की उ. |
विशेषाधिक |
अंगु./असं. |
74 |
बन, साधारण या निगोद बा.प.की ज. |
असं.गुणी |
पल्य/असं. |
75 |
उपरोक्त बा. अप.की उ. |
विशेषाधिक |
अंगु./असं. |
76 |
उपरोक्त बा. प.की उ. |
विशेषाधिक |
अंगु./असं. |
77 |
बन. प्रतिष्ठित प्रत्येक या निगोद प.की. ज. |
असं.गुणी |
पल्य/असं. |
78 |
उपरोक्त अप.की उ. |
विशेषाधिक |
अंगु./असं. |
79 |
उपरोक्त प.की उ. |
विशेषाधिक |
अंगु./असं. |
80 |
वन. अप्रतिष्ठित प्रत्येक प.की ज. |
असं.गुणी |
पल्य/असं. |
81 |
द्वींद्रिय प.की ज. |
असं.गुणी |
पल्य/असं. |
82 |
त्रींद्रिय प.की ज. |
सं.गुणी |
सं.समय |
83 |
चतुरिंद्रिय प.की ज. |
सं.गुणी |
सं.समय |
84 |
पंचेंद्रिय प.की ज. |
सं.गुणी |
सं.समय |
85 |
त्रींद्रिय अप.की उ. |
सं.गुणी |
सं.समय |
86 |
चतुरिंद्रिय अप.की उ. |
सं.गुणी |
सं.समय |
87 |
द्वींद्रिय अप.की उ. |
सं.गुणी |
सं.समय |
88 |
बन.अप्रतिष्ठित प्रत्येक अप.की उ. |
सं.गुणी |
सं.समय |
89 |
पंचेंद्रिय अप.की उ. |
सं.गुणी |
सं.समय |
90 |
त्रींद्रिय प.की उ. |
सं.गुणी |
सं.समय |
91 |
चतुरिंद्रिय प.की उ. |
सं.गुणी |
सं.समय |
92 |
द्वींद्रिय प.की उ. |
सं.गुणी |
सं.समय |
93 |
वन. अप्रतिष्ठित प्रत्येक प.की उ. |
सं.गुणी |
सं.समय |
94 |
पंचेंद्रिय प.की उ. |
सं.गुणी |
सं.समय |
95 |
एक सूक्ष्म से अन्य सूक्ष्म = आ./असं.गुणी |
- |
|
96 |
सूक्ष्म से बादर = असं.गुणी |
- |
|
97 |
बादर से क्ष्म = आ./असं.गुणी |
- |
|
98 |
बादर से बादर = पल्य/असं.गुणी |
- |
|
99 |
बादर से दूसरा बादर = सं.समय गुणी |
- |
3. पंचेंद्रियों की अवगाहना की अपेक्षा-
( धवला 1/1,1,5/235/4 )
सूत्र |
नाम शरीर या मार्गणा |
अल्पबहुत्व |
गुणकार |
- |
चक्षु इंद्रिय अवगाहना |
स्तोक |
- |
- |
श्रोत्र |
सं.घुणी |
- |
- |
घ्राण |
विशेषाधिक |
- |
- |
जिह्वा |
असं.गुणी |
- |
- |
स्पर्शन |
सं.गुणी |
- |