ओज
From जैनकोष
सिद्धांतकोष से
शरीरमें शुक्र नामकी धातुका नाम तथा औदारिक शरीरमें इसका प्रमाण-देखें औदारिक - 1.7।
धवला पुस्तक 10/4,2,4,3/23/1 जो रासी चदुहि अवहिरिज्जमाणो दोरूवग्गो होदि सो बादरजुम्मं। जो एगग्गो सो कलियोजो। जो तिग्गो सो तेजोजो। उक्तं च-चोद्दस बादरजुम्मं सोलस कदजुम्ममेत्थ कलियोजो। तेरस तेजोजो खलु पण्णरसेवं खु विण्णेया ।3।
= जिस राशिको चारसे अवहृत (भाग) करनेपर दो रूप शेष रहते हैं वह बादरयुग्म कही जाती है। जिसको चारसे अवहृत करनेपर एक अंश शेष रहता है वह कलिओज राशि है। और जिसको चारसे अवहृत करनेपर तीन अंश शेष रहते हैं वह तेजोज-राशि है। कहा भी है-यहाँ चौदहको बादरयुग्म, सोलहको कृतयुग्म, तेरहको कलिओज और पंद्रहको तेजोज राशि जानना चाहिए। (क्योंकि 14 = (4X3)+2; 16 = (4X4)+0; 13 = (4X3)+1; 15 = (4X3)+3.)।
पुराणकोष से
काव्य के माधुर्य, ओज और प्रसाद इन तीन गुणों में एक गुण । यह सहृदयौ के मन में उत्साह बढ़ाता है । महापुराण 34.32