दमवर
From जैनकोष
चारण ऋद्धिधारी एक मुनि । ये राजा कर्ण और बलभद्र नंदिमित्र के दीक्षागुरू थे । चिंतागति, मनोगति और चपलगति तीनों विद्याधर भाई भी दौड़ प्रतियोगिता में प्रीतिमती से पराजित होकर इन्हीं से दीक्षित हुए थे । विद्याधरों के अधिपति अमिततेज ने इन्हें आहार देकर पंचाश्चर्य प्राप्त किये थे । महापुराण 62. 401-402, 63. 6, 280,70 36, पद्मपुराण 20.234, हरिवंशपुराण 34.32, 52. 89, पांडवपुराण 4.238, 5.69