अतिमुक्तक
From जैनकोष
(1) उज्जयिनी नगरी का एक श्मशान । तीर्थंकर वर्धमान के धैर्य की परीक्षा के लिए रुद्र ने उन पर यहीं अनेक उपसर्ग किये थे किंतु वह उनको ध्यान से विचलित नहीं कर सका था । अंत में रुद्र ने वर्धमान को महति और महावीर ये दो नाम दिये और उनकी अनेक प्रकार से स्तुति की । महापुराण 74.231-337, वीरवर्द्धमान चरित्र 13.59-72
(2) एक मुनि । अपरनाम अतिमुक्त । हरिवंशपुराण 1.89 देखें अतिमुक्त