सूक्ष्मदर्शी
From जैनकोष
सौधर्मेन्द्र द्वारा स्तुत वृषभदेव का एक नाम । महापुराण 25. 216
सूक्ष्मनिगोदियालब्ध्यपर्याप्तक― एकेन्द्रिय जीवों का एक भेद । इनका शरीर अंगुल के असंख्यातवें भाग बराबर होता है और उत्पन्न होने के तीसरे समय में वह जघन्य अवगाहना रूप होता है । उत्कृष्ट अवगाहना एक योजन और एक कोश की होती है । हरिवंशपुराण 58.73-75