तीर्थंकर परिचय सारणी page-377
From जैनकोष
- तीर्थंकर परिचय सारणी
- भूत भावी तीर्थंकर परिचय
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जम्बू द्वीप भरत क्षेत्रस्थ चतुर्विंशतितीर्थंकरों का परिचय |
अन्य द्वीप व अन्य क्षेत्रस्थ |
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१. भूतकालीन |
२. भावि कालीन का नाम निर्देश |
३. भावि तीर्थंकरों के पूर्व अनन्त भव के नाम |
तीर्थंकरों का परिचय |
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नं० |
जयसेन प्रतिष्ठा पाठ/४७०-४९३ |
ति.प./४/१५७९-१५८१ |
त्रि.सा./८७३-८७५ |
ह.पु./६०/५५८-५६२ |
म.पु./७६/४७६-४८० |
जयसेन प्रतिष्ठा पाठ/५२०-५४३ |
ति.प./४/१५८३-१५८६ |
म.पु./७६/४७१-४७५ |
ति.प./४/२३६६ |
१ |
निर्वाण |
महापद्म |
महापद्म |
महापद्म |
महापद्म |
महापद्म |
श्रेणिक |
श्रेणिक |
णवरि विसेसो तस्सिं सलागापुरिसा भवंति जे कोई। ताणं णामापहुदिसु उवदेसो संपइ पण्णट्ठो।२३६६। |
२ |
सागर |
सुरदेव |
सुरदेव |
सुरदेव |
सुरदेव |
सुरप्रभ |
सुपार्श्व |
सुपार्श्व |
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३ |
महासाधु |
सुपार्श्व |
सुपार्श्व |
सुपार्श्व |
सुपार्श्व |
सुप्रभ |
उदङ्क |
उदङ्क |
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४ |
विमलप्रभ |
स्वयंप्रभ |
स्वयंप्रभ |
स्वयंप्रभ |
स्वयंप्रभ |
स्वयंप्रभ |
प्रोष्ठिल |
प्रोष्ठिल |
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५ |
शुद्धाभदेव |
सर्वप्रभ |
सर्वात्मभूत |
सर्वात्मभूत |
सर्वात्मभूत |
सर्वायुध |
कृतसूय |
कटप्रू |
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६ |
श्रीधर |
देवसुत |
देवपुत्र |
देवदेव |
देवपुत्र |
जयदेव |
क्षत्रिय |
क्षत्रिय |
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७ |
श्रीदत्त |
कुलसुत |
कुलपुत्र |
प्रभोदय |
कुलपुत्र |
उदयप्रभ |
पाविल |
श्रेष्ठी |
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८ |
सिद्धाभदेव |
उदङ्क |
उदङ्क |
उदङ्क |
उदङ्क |
प्रभादेव |
शङ्ख |
शङ्ख |
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९ |
अमलप्रभ |
प्रौष्ठिल |
प्रौष्ठिल |
प्रश्नकीर्ति |
प्रौष्ठिल |
उदंक |
नन्द |
नन्दन |
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१० |
उद्धारदेव |
जयकीर्ति |
जयकीर्ति |
जयकीर्ति |
जयकीर्ति |
प्रश्नकीर्ति |
सुनन्द |
सुनन्द |
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११ |
अग्निदेव |
मुनिसुव्रत |
मुनिसुव्रत |
सुव्रत |
मुनिसुव्रत |
जयकीर्ति |
शशाङ्क |
शशाङ्क |
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१२ |
संयम |
अर |
अर |
अर |
अरनाथ |
पूर्णबुद्धि |
सेवक |
सेवक |
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१३ |
शिव |
अपाप |
निष्पाप |
पुण्यमूर्ति |
अपाप |
नि:कषाय |
प्रेमक |
प्रेमक |
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१४ |
पुष्पांजलि |
नि:कषाय |
नि:कषाय |
नि:कषाय |
नि:कषाय |
विमलप्रभ |
अतोरण |
अतोरण |
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१५ |
उत्साह |
विपुल |
विपुल |
विपुल |
विपुल |
बहुलप्रभ |
रैवत |
रैवत |
|
१६ |
परमेश्वर |
निर्मल |
निर्मल |
निर्मल |
निर्मल |
निर्मल |
कृष्ण |
वासुदेव |
|
१७ |
ज्ञानेश्वर |
चित्रगुप्त |
चित्रगुप्त |
चित्रगुप्त |
चित्रगुप्त |
चित्रगुप्ति |
सीरी |
भगलि |
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१८ |
विमलेश्वर |
समाधिगुप्त |
समाधिगुप्त |
मनाधिगुप्त |
समाधिगुप्त |
समाधिगुप्ति |
भगलि |
वागलि |
|
१९ |
यशोधर |
स्वयम्भू |
स्वयम्भू |
स्वयम्भू |
स्वयम्भू |
स्वयम्भू |
विगलि |
द्वैपायन |
|
२० |
कृष्णमति |
अनिवर्तक |
अनिवर्तक |
अनिवर्तक |
अनिवर्तक |
कंदर्प |
द्वीपायन |
कनकपाद |
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२१ |
ज्ञानमति |
जय |
जय |
जय |
विजय |
जयनाथ |
माणवक |
नारद |
|
२२ |
शुद्धमति |
विमल |
विमल |
विमल |
विमल |
विमल |
नारद |
चारुपाद |
|
२३ |
श्रीभद्र |
देवपाल |
देवपाल |
दिव्यपाद |
देवपाल |
दिव्यवाद |
सुरूपदत्त |
सत्यकिपुत्र |
|
२४ |
अनन्तवीर्य |
अनन्तवीर्य |
अनन्तवीर्य |
अनन्तवीर्य |
अनन्तवीर्य |
अनन्तवीर्य |
सत्यकिपुत्र |
एक कोई अन्य |