रतिवेग
From जैनकोष
राम के समकालीन एक मुनि । इन्द्रजित के पुत्र वज्रमाली और सुन्द के पुत्र चारूरत्न के ये दीक्षागुरु थे । पद्मपुराण 118.66-67
राम के समकालीन एक मुनि । इन्द्रजित के पुत्र वज्रमाली और सुन्द के पुत्र चारूरत्न के ये दीक्षागुरु थे । पद्मपुराण 118.66-67