GP:पंचास्तिकाय संग्रह-सूत्र - गाथा 23 - अर्थ
From जैनकोष
सद्भावस्वभावानाम् सत्ता स्वभाववाले जीवानाम् तथा एव पुद्गलानाम् च जीव और पुद्गलों के परिवर्तनसम्भूतः परिवर्तन से सिद्ध होने वाला कालः ऐसा काल नियमेन प्रज्ञप्तः (सर्वज्ञों द्वारा) नियम (निश्चय) से उपदेश दिया गया है ।