क्षांति
From जैनकोष
सिद्धांतकोष से
सं.स्तो./16/39 क्षांति: क्षमा। क्षमा व शांति एकार्थवाची हैं। सर्वार्थसिद्धि/6/12/331/5 क्रोधादिनिवृत्ति: क्षांति:।=क्रोधादि दोषों का निराकरण करना क्षांति है। ( राजवार्तिक/6/12/9/523/1 ); ( गोम्मटसार कर्मकांड / जीवतत्त्व प्रदीपिका/802/980/14 )।
पुराणकोष से
(1) इस नान की एक आर्यिका । महापुराण 72.249 देखें क्षांता(2) क्षलाभाव-क्रोध के कारण उपस्थित होने पर भी क्रोध का न आना । पांडवपुराण 23.64
(3) सातावेदनीय का एक आस्रव । हरिवंशपुराण 58.95