गांधर्वसेना
From जैनकोष
राजा अमितगति की पुत्री अमितगति के दीक्षित हो जाने से चारुदत्त को इसका संरक्षक बना दिया गया । चारुदत्त ने एक चारण ऋद्धिधारी मुनिराज की भविष्यवाणी के अनुसार यदुवंशी राजा वसुदेव के साथ इसका विवाह कर दिया था । हरिवंशपुराण 21. 166-170, 179-180, 22.1