अवगाह
From जैनकोष
Depth (गहराई)।
सर्वार्थसिद्धि अध्याय 5/18/284
जीवपुद्गलादीनामवगाहिनामवकाशदानमवगाह आकाशस्योपकारो वेदितव्यः।
= अवगाह करनेवाले जीव और पुद्गलों को अवकाश देना आकाश का उपकार जानना चाहिए।
(गोम्मट्टसार जीवकांड / जीव तत्त्व प्रदीपिका टीका गाथा 605/1060/3)