असग
From जैनकोष
(भ.सा./प्रा.२ प्रेमीजी)। शक सं. ९१० (ई. ९८८) के एक महाकवि। आप नागनन्दि आचार्यके शिष्य थे। आपने बर्द्धमान चारित्र व शान्तिनाथ पुराण लिखे हैं।
(तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परंपरा, पृष्ठ संख्या ४/११)।
(भ.सा./प्रा.२ प्रेमीजी)। शक सं. ९१० (ई. ९८८) के एक महाकवि। आप नागनन्दि आचार्यके शिष्य थे। आपने बर्द्धमान चारित्र व शान्तिनाथ पुराण लिखे हैं।
(तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परंपरा, पृष्ठ संख्या ४/११)।