नंदीश्वरमह
From जैनकोष
नन्दीश्वर द्वीप में आष्टाह्निक पर्वों गर देवों के द्वारा आयोजित जिनेन्द्र-पूजा । यह कार्तिक, फाल्गुन और आषाढ़ मास के अन्तिम आठ दिनों में की जाती है । देखें नन्दीश्वर - 2 इन दिनों में देव भोग आदि छोड़ देते हैं । इन्द्रों के साथ वे जिनेन्द्र की पूजा में तत्पर रहते हैं । यह पूजन जिनेन्द्र के अभिषेक पूर्वक की जाती है । ऐसी पूजा के करने वाले देवों की सम्पदा, चक्रवर्तियों के भोग और मुक्ति प्राप्त करते हैं । पद्मपुराण 68. 1, 5-6, 24