किरणमंडला
From जैनकोष
विजयार्ध पर्वत की उत्तरश्रेणी में स्थित गुंजा नगर के राजा सिंहविक्रम के पुत्र सकलमूषण की आठ सौ पत्नियों मे प्रधान पत्नी । मरकर यह तो विद्युद्वक्त्रा नाम की राक्षसी हुई और इसका पति सकलभूषण मुनि हुआ था । मुनि अवस्था में सकलभूषण पर इसने अनेक उपसर्ग किये थे । पद्मपुराण 104.103-117