चिंतामणि
From जैनकोष
(1) इष्ट वस्तुओं का पूरक एक-एक रत्न । यह चक्रवर्ती की विभूति को सूचित करता है । महापुराण 2.34
(3) सौधर्मेन्द्र द्वारा स्तुत वृषभदेव का एक नाम । महापुराण 25-168
(1) इष्ट वस्तुओं का पूरक एक-एक रत्न । यह चक्रवर्ती की विभूति को सूचित करता है । महापुराण 2.34
(3) सौधर्मेन्द्र द्वारा स्तुत वृषभदेव का एक नाम । महापुराण 25-168