खंडवन
From जैनकोष
एक वन । महावीर की दीक्षा भूमि । अपरनाम खंडवन । अर्जुन ने एक ब्राह्मण से अग्नि, जल, सर्प, गरुड, मेघ आदि बाण प्राप्त किये थे । उनमें से दावानल नामक बाण से उसने इसे जलाया था । महापुराण 74.302-304, पांडवपुराण 16. 65-76, वीरवर्द्धमान चरित्र 12.86-87