विष
From जैनकोष
== सिद्धांतकोष से ==
- विष वाणिज्य कर्म–देखें सावद्य - 5।
- निर्विष ऋद्धि–देखें ऋद्धि - 1।
पुराणकोष से
एक प्रकार के मेघ । अवसर्पिणी काल के अंत में सरस, विरस, तीक्ष्ण, रूक्ष, उष्ण और विष नाम के मेघ क्रमश: सात-सात दिन तक सारे पानी की बरसा करते हैं । महापुराण 76.452-453