सुखावह
From जैनकोष
सिद्धांतकोष से
अपर विदेहस्थ एक वक्षार, उसका एक कूट तथा उस कूट का स्वामी देव-देखें लोक - 5.3।
पुराणकोष से
पश्चिम विदेहक्षेत्र का चौथा वक्षार पर्वत । यह सीतोदा नदी तथा निषध पर्वत का स्पर्श करना है । हरिवंशपुराण 5.230-231
अपर विदेहस्थ एक वक्षार, उसका एक कूट तथा उस कूट का स्वामी देव-देखें लोक - 5.3।
पश्चिम विदेहक्षेत्र का चौथा वक्षार पर्वत । यह सीतोदा नदी तथा निषध पर्वत का स्पर्श करना है । हरिवंशपुराण 5.230-231