अचलावली: Difference between revisions
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जघन्य युक्तासंख्यात समयों की एक आवली होती है। इसका छः भेद रूपसे उल्लेख मिलता है यथा अचलावली- गोम्मटसार कर्मकांड अर्थ संदृष्टि/पृष्ठ 24 प्रकृति बंध भये पीछे आवली काल मात्र उदय उदीरणादि रूप होने योग्य नाहीं सो अचलावली है। (इसे बंधावली भी कहते हैं।) गोम्मटसार कर्मकांड/ भाषा 159/194/4;
काल का प्रमाण विशेष - विस्तार से जानने के लिये देखें आवलि ।