अनघ: Difference between revisions
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<p id="1"> (1) वानरवंशी एक नृप । पद्मपुराण 60.5-6</p> | <p id="1"> (1) वानरवंशी एक नृप । <span class="GRef"> पद्मपुराण 60.5-6 </span></p> | ||
<p id="2">(2) समवसरण के तीसरे कोट के दक्षिण दिशा संबंधी द्वार के आठ नामों में एक नाम । हरिवंशपुराण 57.58</p> | <p id="2">(2) समवसरण के तीसरे कोट के दक्षिण दिशा संबंधी द्वार के आठ नामों में एक नाम । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 57.58 </span></p> | ||
<p id="3">(3) सौधर्मेन्द्र द्वारा स्तुत वृषभदेव का एक नाम । महापुराण 25. 172, 186</p> | <p id="3">(3) सौधर्मेन्द्र द्वारा स्तुत वृषभदेव का एक नाम । <span class="GRef"> महापुराण 25. 172, 186 </span></p> | ||
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Revision as of 21:37, 5 July 2020
(1) वानरवंशी एक नृप । पद्मपुराण 60.5-6
(2) समवसरण के तीसरे कोट के दक्षिण दिशा संबंधी द्वार के आठ नामों में एक नाम । हरिवंशपुराण 57.58
(3) सौधर्मेन्द्र द्वारा स्तुत वृषभदेव का एक नाम । महापुराण 25. 172, 186