अप्रणतिवाक्: Difference between revisions
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<p> सत्यप्रवाद नाम के अंग में कथित बारह प्रकार की भाषाओं में एक भाषा । यह अपने से अधिक गुणवालों को नमस्कार नहीं करती । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 10.91 -95 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> सत्यप्रवाद नाम के अंग में कथित बारह प्रकार की भाषाओं में एक भाषा । यह अपने से अधिक गुणवालों को नमस्कार नहीं करती । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 10.91 -95 </span></p> | ||
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Revision as of 16:51, 14 November 2020
सत्यप्रवाद नाम के अंग में कथित बारह प्रकार की भाषाओं में एक भाषा । यह अपने से अधिक गुणवालों को नमस्कार नहीं करती । हरिवंशपुराण 10.91 -95