अल्पबहुत्व: Difference between revisions
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<span class="HindiText">पदार्थों का निर्णय अनेक प्रकार से किया जाता है-उनका अस्तित्व व लक्षण आदि जानकर, उनकी संख्या या प्रमाण जानकर तथा उनका अवस्थान आदि जानकर। तहाँ पदार्थों की गणना क्योंकि संख्या को उल्लंघन कर जाती है और असंख्यात व अनन्त कहकर उनका निर्देश किया जाता है, इसलिए यह आवश्यक हो जाता है कि किसी भी प्रकार उस अनन्त या असंख्य में तरतमता या विशेषता दर्शायी जाय ताकि विभिन्न पदार्थों की विभिन्न गणनाओं का ठीक-ठीक अनुमान हो सके। यह अल्पबहुत्व नाम का अधिकार जैसा कि इसके नाम से ही विदित है इसी प्रयोजन की सिद्धि करता है। </span> | <span class="HindiText">पदार्थों का निर्णय अनेक प्रकार से किया जाता है-उनका अस्तित्व व लक्षण आदि जानकर, उनकी संख्या या प्रमाण जानकर तथा उनका अवस्थान आदि जानकर। तहाँ पदार्थों की गणना क्योंकि संख्या को उल्लंघन कर जाती है और असंख्यात व अनन्त कहकर उनका निर्देश किया जाता है, इसलिए यह आवश्यक हो जाता है कि किसी भी प्रकार उस अनन्त या असंख्य में तरतमता या विशेषता दर्शायी जाय ताकि विभिन्न पदार्थों की विभिन्न गणनाओं का ठीक-ठीक अनुमान हो सके। यह अल्पबहुत्व नाम का अधिकार जैसा कि इसके नाम से ही विदित है इसी प्रयोजन की सिद्धि करता है। </span> | ||
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<li><strong>[[#1 | | <li><strong>[[#1 | अल्पबहुत्व सामान्य निर्देश व शंकाएँ ]]</strong> | ||
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<li> [[#1.1 | अल्पबहुत्व सामान्य का लक्षण।]]</li> | |||
<li> [[#1.2 | अल्पबहुत्व प्ररूपणा के भेद।]]</li> | |||
<li> [[#1.3 | संयत की अपेक्षा असंयत की निर्जरा अधिक कैसे।]]</li> | |||
<li> [[#1.4 | सिद्धों के अल्पबहुत्व सम्बन्धी शंका।]]</li> | |||
<li> [[#1.5 | वर्गणाओं के अल्पबहुत्व संबन्धी दृष्टिभेद।]]</li> | |||
<li> [[#1.6 | पंचशरीर विस्रसोपचय वर्गणा के अल्पबहुत्व दृष्टिभेद।]]</li> | |||
<li> [[#1.7 | मोह प्रकृति के प्रदेशाग्रों सम्बन्धी दृष्टिभेद।]]</li> |
Revision as of 07:02, 2 August 2021
पदार्थों का निर्णय अनेक प्रकार से किया जाता है-उनका अस्तित्व व लक्षण आदि जानकर, उनकी संख्या या प्रमाण जानकर तथा उनका अवस्थान आदि जानकर। तहाँ पदार्थों की गणना क्योंकि संख्या को उल्लंघन कर जाती है और असंख्यात व अनन्त कहकर उनका निर्देश किया जाता है, इसलिए यह आवश्यक हो जाता है कि किसी भी प्रकार उस अनन्त या असंख्य में तरतमता या विशेषता दर्शायी जाय ताकि विभिन्न पदार्थों की विभिन्न गणनाओं का ठीक-ठीक अनुमान हो सके। यह अल्पबहुत्व नाम का अधिकार जैसा कि इसके नाम से ही विदित है इसी प्रयोजन की सिद्धि करता है।