आलब्ध
From जैनकोष
कायोत्सर्गका अतिचार - दे. व्युत्सर्ग/१।आलय - सर्वार्थसिद्धि अध्याय संख्या ४/२४/२५५/२ एत्य तस्मिन् लोयन्त इत आलय आवासः।= आकार जिसमें लयकी प्राप्त होते हैं वह आलय या आवास कहलाता है।( राजवार्तिक अध्याय संख्या ४/२४/१/२४२)
कायोत्सर्गका अतिचार - दे. व्युत्सर्ग/१।आलय - सर्वार्थसिद्धि अध्याय संख्या ४/२४/२५५/२ एत्य तस्मिन् लोयन्त इत आलय आवासः।= आकार जिसमें लयकी प्राप्त होते हैं वह आलय या आवास कहलाता है।( राजवार्तिक अध्याय संख्या ४/२४/१/२४२)