इंद्रसेन: Difference between revisions
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2. ( <span class="GRef">पद्मपुराण / प्रस्तावना 123/167 `मूल'</span>), ( <span class="GRef">पद्मपुराण / प्रस्तावना 9 पं. पन्नालाल</span>) सेनसंघ की गुर्वावली के अनुसार यह दिवाकरसेन के गुरु थे। समय वि.620-660 (ई.563-603) देखें [[ इतिहास#7.6 | इतिहास - 7.6]]।</p> | 2. ( <span class="GRef">पद्मपुराण / प्रस्तावना 123/167 `मूल'</span>), ( <span class="GRef">पद्मपुराण / प्रस्तावना 9 पं. पन्नालाल</span>) सेनसंघ की गुर्वावली के अनुसार यह दिवाकरसेन के गुरु थे। समय वि.620-660 (ई.563-603) -देखें [[ इतिहास#7.6 | इतिहास - 7.6]]।</p> | ||
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== पुराणकोष से == | == पुराणकोष से == | ||
< | <p class="HindiText"> (1) रत्नपुर के राजा श्रीषेण का पुत्र और उपेंद्रसेन का भाई । यह कौशांबी के राजा महाबल की पुत्री श्रीकांता से विवाहित हुआ था । <span class="GRef"> (महापुराण 62.340-352), </span><span class="GRef"> (पांडवपुराण 4.203) | ||
<p | <p class="HindiText">(2) जरासंध का एक योद्धा नृप । <span class="GRef"> (महापुराण 71.76-78) </span></p> | ||
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Revision as of 20:14, 1 July 2023
सिद्धांतकोष से
1. (वरांग चरित्र/सर्ग/श्लोक) मथुरा का राजा (16/5) ललितपुर के राजा से युद्ध होने पर वरांग द्वारा युद्ध में भगाया गया (18/111);
2. ( पद्मपुराण / प्रस्तावना 123/167 `मूल'), ( पद्मपुराण / प्रस्तावना 9 पं. पन्नालाल) सेनसंघ की गुर्वावली के अनुसार यह दिवाकरसेन के गुरु थे। समय वि.620-660 (ई.563-603) -देखें इतिहास - 7.6।
पुराणकोष से
(1) रत्नपुर के राजा श्रीषेण का पुत्र और उपेंद्रसेन का भाई । यह कौशांबी के राजा महाबल की पुत्री श्रीकांता से विवाहित हुआ था । (महापुराण 62.340-352), (पांडवपुराण 4.203)
(2) जरासंध का एक योद्धा नृप । (महापुराण 71.76-78)