कर्नाटक: Difference between revisions
From जैनकोष
Priyanka2724 (talk | contribs) No edit summary |
J2jinendra (talk | contribs) No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<span class="HindiText"> आंध्र देश में अर्थात् गोदावरी व कृष्णा नदी के मध्यवर्ती क्षेत्र के दक्षिण-पश्चिम का ‘वनवास’ नाम का वह भाग जिसके अंतर्गत मैसूर भी आ जाता है। इसकी राजधानियाँ मैसूर व रंगपत्तन थीं। (<span class="GRef"> महापुराण/ | <span class="HindiText"> आंध्र देश में अर्थात् गोदावरी व कृष्णा नदी के मध्यवर्ती क्षेत्र के दक्षिण-पश्चिम का ‘वनवास’ नाम का वह भाग जिसके अंतर्गत मैसूर भी आ जाता है। इसकी राजधानियाँ मैसूर व रंगपत्तन थीं। (<span class="GRef"> महापुराण/ /प्रस्तावना/50 पं॰ पन्नालाल), (धवला/3/प्रस्तावना 4/H. L. Jain</span>)। जहाँ-जहाँ कनड़ी भाषा बोली जाती है वह सब कर्नाटक देश है अर्थात् मैसूर से लेकर द्वारसमुद्र तक (<span class="GRef"> द्रव्यसंग्रह/ प्रस्तावना 4/पं. जवाहर लाल</span>)। | ||
<noinclude> | <noinclude> | ||
Line 8: | Line 8: | ||
</noinclude> | </noinclude> | ||
[[Category: क]] | [[Category: क]] | ||
[[Category: | [[Category: इतिहास]] |
Revision as of 14:51, 12 February 2023
आंध्र देश में अर्थात् गोदावरी व कृष्णा नदी के मध्यवर्ती क्षेत्र के दक्षिण-पश्चिम का ‘वनवास’ नाम का वह भाग जिसके अंतर्गत मैसूर भी आ जाता है। इसकी राजधानियाँ मैसूर व रंगपत्तन थीं। ( महापुराण/ /प्रस्तावना/50 पं॰ पन्नालाल), (धवला/3/प्रस्तावना 4/H. L. Jain)। जहाँ-जहाँ कनड़ी भाषा बोली जाती है वह सब कर्नाटक देश है अर्थात् मैसूर से लेकर द्वारसमुद्र तक ( द्रव्यसंग्रह/ प्रस्तावना 4/पं. जवाहर लाल)।