कायगुप्ति: Difference between revisions
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<p> किसी के चित्र को देखकर मन में विकार का उत्पन्न न होना, शरीर की प्रवृत्ति को नियमित रखना । <span class="GRef"> महापुराण 20.161, </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 9.90 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> किसी के चित्र को देखकर मन में विकार का उत्पन्न न होना, शरीर की प्रवृत्ति को नियमित रखना । <span class="GRef"> महापुराण 20.161, </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 9.90 </span></p> | ||
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Revision as of 16:53, 14 November 2020
सिद्धांतकोष से
देखें गुप्ति ।
पुराणकोष से
किसी के चित्र को देखकर मन में विकार का उत्पन्न न होना, शरीर की प्रवृत्ति को नियमित रखना । महापुराण 20.161, पांडवपुराण 9.90