केशव वर्णी
From जैनकोष
१. यह ब्रह्मचारी थे। कृति—गोम्मटसार की संस्कृत टीका (लघु गो.सा./प्र./१ मनोहर लाल)। २. गुरु का नाम अभयचन्द्र सूरि सिद्धान्त चक्रवर्ती। कृति—गोम्मटसार की कर्णाटक वृत्ति समय—वि. १४१६ ई० १३५९ में वृत्ति पूरी की। (जै./१/४६४)।
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